
कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में सुरक्षाबलों और आम नागरिकों को निशाना बनाया गया, जिससे भारत ने न सिर्फ कड़ा रुख अपनाया, बल्कि इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की रणनीति भी बनाई।
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इसी संदर्भ में, कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल को विदेशी दौरे पर भेजा गया है। इस दौरे का उद्देश्य है भारत की स्थिति, अनुभव और प्रतिक्रिया को अन्य देशों के सामने रखना — ताकि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग मजबूत हो।
शशि थरूर ने क्या कहा?
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना होने से पहले मीडिया से बात करते हुए डॉ. शशि थरूर ने कहा:
“सरकार ने विदेश सचिव और अन्य प्रवक्ताओं के माध्यम से भारत का रुख स्पष्ट किया है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम दुनिया को बताएं कि यह हमला हमारे लिए क्या मायने रखता है और हमने उस पर कैसी प्रतिक्रिया दी।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि:
“हम वहां बहस करने नहीं जा रहे, बल्कि समझाने जा रहे हैं कि भारत किस पीड़ा से गुज़रा है और हमने क्या कदम उठाए हैं। हमारा उद्देश्य है संवेदनशीलता और सच्चाई के साथ संवाद स्थापित करना।”
दौरे का रूट प्लान और मुख्य पड़ाव
इस प्रतिनिधिमंडल की यात्रा में निम्नलिखित देश शामिल हैं:
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गुयाना (पहला पड़ाव – जॉर्जटाउन)
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संयुक्त राज्य अमेरिका (न्यूयॉर्क में 9/11 स्मारक पर श्रद्धांजलि)
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पनामा
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ब्राज़ील
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कोलंबिया
न्यूयॉर्क में 9/11 मेमोरियल पर जाकर प्रतिनिधिमंडल न सिर्फ अमेरिका में हुए आतंकी हमले को याद करेगा, बल्कि यह संदेश भी देगा कि आतंकवाद की पीड़ा सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि वैश्विक समस्या है।
प्रतिनिधिमंडल के उद्देश्य
इस यात्रा का उद्देश्य केवल एक राजनीतिक दौरा नहीं है, बल्कि भारत के दृष्टिकोण को साझा करने का प्रयास है:
अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाना
भारत की नीति और कार्रवाई को स्पष्ट करना
विश्व जनमत को भारत के पक्ष में लामबंद करना
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की मांग करना
भारत की आतंकवाद नीति को वैश्विक समर्थन की तलाश
शशि थरूर ने जोर देकर कहा कि:
“भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का लगातार शिकार रहा है। अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे गंभीरता से ले।”
यह दौरा न केवल भारत की सुरक्षा नीति को समर्थन दिलाने का प्रयास है, बल्कि यह दिखाने का भी प्रयास है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अकेला नहीं खड़ा रहना चाहता — वह एक वैश्विक सहयोग की तलाश कर रहा है।
भारत सरकार और विपक्ष दोनों इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि आतंकवाद पर सख्त रवैया ज़रूरी है। शशि थरूर के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल राजनीतिक, कूटनीतिक और मानवीय स्तर पर भारत की स्थिति को सशक्त रूप से रखने का प्रयास कर रहा है।
यह एक ऐतिहासिक पहल हो सकती है, जिससे भारत की बात दुनिया के सामने अधिक प्रभावी ढंग से रखी जाएगी और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की राह और मजबूत होगी।
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