
विटामिन B12, जिसे वैज्ञानिक भाषा में कोबालामिन कहा जाता है, एक आवश्यक पोषक तत्व है जो तंत्रिका तंत्र की सही कार्यप्रणाली, लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और डीएनए संश्लेषण में मदद करता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह थकान को दूर कर ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है। यानी अगर आप बार-बार थक जाते हैं या फोकस नहीं कर पा रहे, तो हो सकता है B12 की कमी वजह हो।
B12 की कमी के लक्षण क्या हैं?
B12 की कमी धीरे-धीरे शरीर में असर दिखाती है, लेकिन इसके लक्षण बहुत साफ होते हैं:
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लगातार थकावट और कमजोरी
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याददाश्त में गिरावट
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हाथ-पैर में झनझनाहट या सुन्नता
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चक्कर आना या सांस फूलना
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जीभ में जलन या दर्द
इन संकेतों को नजरअंदाज करना आपके मस्तिष्क और शरीर के लिए महंगा पड़ सकता है।
मांसाहारी स्रोतों से B12 कैसे पाएं?
अगर आप नॉन-वेजिटेरियन हैं, तो B12 की कमी की संभावना कम होती है। ये प्राकृतिक स्रोत बेहद प्रभावी हैं:
अंडा, खासकर अंडे की ज़र्दी
सैल्मन, टूना, सार्डीन जैसी मछलियाँ
रेड मीट जैसे बीफ और मटन
भेड़ का लिवर — B12 का पावरहाउस
यह सभी आइटम्स आपके प्लेट में स्वाद और सेहत दोनों ला सकते हैं।
शुद्ध शाकाहारियों के लिए विकल्प क्या हैं?
अगर आप शुद्ध शाकाहारी हैं, तो आपको थोड़ा स्मार्ट बनना होगा। क्योंकि B12 प्राकृतिक रूप से ज्यादातर पशु-आधारित उत्पादों में ही पाया जाता है। फिर भी कुछ विकल्प हैं:
दूध और उससे बने उत्पाद जैसे दही और पनीर
फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सीरियल्स
प्लांट-बेस्ड मिल्क (जैसे सोया, बादाम) – ध्यान दें कि वो B12 से फोर्टिफाइड हों
न्यूट्रिशनल यीस्ट – खासतौर पर फोर्टिफाइड
शिटाके मशरूम – थोड़ा बहुत B12 कंटेंट
पाचन तंत्र स्वस्थ है तो B12 भी काम करेगा
शरीर तभी B12 को अवशोषित कर पाता है जब आंतें स्वस्थ हों। इसके लिए जरूरी है कि आप प्रोबायोटिक युक्त भोजन लें, जैसे दही और छाछ। इससे न सिर्फ पाचन सुधरता है, बल्कि विटामिन का अवशोषण भी बेहतर होता है।
सप्लीमेंट की ज़रूरत कब पड़ती है?
अगर आपको लगातार थकावट रहती है या आपका ब्लड टेस्ट B12 की कमी दिखाता है, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर सप्लीमेंट लेना समझदारी है। विशेष रूप से वेगन्स और 50 साल से ऊपर के लोगों में B12 की कमी आम है। गोली, कैप्सूल, लिक्विड या इंजेक्शन — फॉर्म वही चुनें जो आपके लिए सबसे सही हो।
थकान छोड़िए, B12 जोड़िए!
विटामिन B12 वो ‘इनविज़िबल एनर्जी बूस्टर’ है जिसे आप देख नहीं सकते, लेकिन उसकी कमी महसूस जरूर करते हैं। एक संतुलित आहार, जागरूकता और समय-समय पर जांच के ज़रिए आप इस कमी से बच सकते हैं।
तो अगली बार जब लगे कि दुनिया भारी लग रही है — पूछिए खुद से, “क्या मेरा B12 ठीक है?”
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