
संसद के मानसून सत्र 2025 के पहले ही दिन देश को बड़ा राजनीतिक झटका मिला। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। हालांकि कार्यकाल 2027 तक था, लेकिन इस्तीफे ने अटकलों की बाढ़ ला दी है।
चुनाव आयोग ने कहा: हम तैयार हैं!
इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद चुनाव आयोग ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि “2025 उपराष्ट्रपति चुनाव की सभी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।”
आयोग का यह बयान बताता है कि सत्ता के गलियारों में अब अगला सवाल यही है – कौन होगा अगला उपराष्ट्रपति?
संवैधानिक समीकरण और संभावनाएं
भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है। अब जब धनखड़ हट गए हैं, तो यह भूमिका अस्थायी तौर पर डिप्टी चेयरपर्सन निभाएंगे, जब तक कि नया उपराष्ट्रपति नहीं चुन लिया जाता।
राजनीतिक दलों की नजरें अब नामांकन, रणनीति और गठजोड़ों पर होंगी। एनडीए और विपक्ष, दोनों ही खेमों में संभावित नामों की चर्चा तेज़ है।
चुनाव कब होंगे?
संविधान के अनुसार, 60 दिनों के भीतर नया उपराष्ट्रपति चुना जाना ज़रूरी है। मतलब अगस्त-सितंबर तक देश को नया उपराष्ट्रपति मिल सकता है। आयोग जल्द ही चुनाव कार्यक्रम (election schedule) की घोषणा कर सकता है।
इस्तीफा… या कुछ और?
स्वास्थ्य कारणों का हवाला ज़रूर दिया गया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कई सवाल तैर रहे हैं:
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क्या कोई नया पद या भूमिका धनखड़ जी का इंतज़ार कर रही है?

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क्या पार्टी के भीतर मतभेद रहे?
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या फिर यह एक रणनीतिक चाल थी?
आने वाले दिनों में इन सवालों के जवाब भी सामने आ सकते हैं।
सत्र की शुरुआत, राजनीति की नई चाल
संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ, और पहले ही दिन राजनीति की मानसूनी बारिश शुरू हो गई। धनखड़ के इस्तीफे ने सिर्फ पद नहीं छोड़ा, बल्कि एक नई राजनीतिक दौड़ का दरवाज़ा भी खोल दिया है। अब सबकी नजरें EC की घोषणा और अगला उम्मीदवार कौन होगा, इस पर टिकी हैं।
