
उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली कस्बे में रातभर हुई भारी बारिश के चलते Tunari Gadhera नाले में उफान आ गया। बारिश इतनी जबरदस्त थी कि नाला उफनकर सीधे तहसील परिसर, SDM आवास और आसपास के घरों में घुस गया।
तेज़ बहाव और मलबे की वजह से तहसील ऑफिस तक जलमग्न हो गया और लोगों के घरों में घुटनों तक मलबा भर गया।
20 साल की युवती मलबे में दबी, एक व्यक्ति अब भी लापता
ADM चमोली, विवेक प्रकाश ने पुष्टि की कि बाढ़ में एक 20 वर्षीय युवती कविता मलबे में दब गई है और एक अन्य व्यक्ति लापता है।
“NDRF और SDRF की टीमें मौके पर काम कर रही हैं और बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है,” – ADM विवेक प्रकाश
बंद हुईं सड़कें, लोगों को हो रही परेशानी
बाढ़ और मलबे की वजह से इलाके की कई सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे लोगों की आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई है। प्रशासन ने राहत शिविर (Relief Camps) लगाना शुरू कर दिया है और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।
घरों और बाजार में घुसा मलबा, SDM आवास भी चपेट में
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि:
“Cloudburst की वजह से कई घर, दुकानों और सरकारी परिसरों में मलबा घुस गया है। SDM आवास तक प्रभावित हुआ है।”
अब तक दो लोगों के लापता होने की जानकारी प्रशासन ने दी है और बचाव कार्य जारी है।
Rescue operations on war footing
NDRF और SDRF की टीमें, भारी मशीनरी के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। स्वास्थ्य टीमों को भी भेजा गया है ताकि घायलों को त्वरित इलाज मिल सके।

स्थानीय प्रशासन के साथ साथ राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDMA) भी हर अपडेट पर नजर रख रहा है।
अगले 24 घंटे के लिए रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए Red Alert जारी किया है, खासकर पहाड़ी और उच्चवर्ती क्षेत्रों में बादल फटने जैसी घटनाओं की संभावना जताई गई है।
लोगों को नदियों और नालों के पास न जाने की सलाह दी गई है।
पहाड़ी राज्यों में Monsoon से पहले तैयारी क्यों नहीं?
हर साल उत्तराखंड और हिमाचल जैसे राज्यों में Cloudburst, Landslide और Flash Floods आम होते जा रहे हैं।
इसके बावजूद सड़कें, drainage सिस्टम और early warning mechanism की तैयारी अधूरी रहती है।
क्या अब समय नहीं आ गया है कि हम Monsoon को disaster की तरह नहीं, planned risk की तरह देखें?
प्रशासन अलर्ट पर है लेकिन खतरा अभी टला नहीं
थराली की ये घटना एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि प्राकृतिक आपदाएं कभी भी और कहीं भी आ सकती हैं। हालांकि प्रशासन तेजी से काम कर रहा है, लेकिन ज़रूरत है कि आम लोग भी सतर्क रहें और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
भारत-फ्रांस मिलकर बनाएंगे सुपर फाइटर इंजन, देश में बनेगा AMCA का दिल!