
चीन ने 9 अक्टूबर को ऐसा बटन दबा दिया, जिससे अमेरिका का मिज़ाज ही बदल गया। बात हो रही है रेयर अर्थ एलिमेंट्स, टंगस्टन और मोलिब्डेनम के एक्सपोर्ट कंट्रोल की। अमेरिका को लगा ये सिर्फ व्यापार नहीं, सीधा ‘नेशनल सिक्योरिटी’ पर हमला है। और फिर… ट्रंप ने वही किया जो उनसे उम्मीद की जाती है — 100% टैरिफ का ऐलान।
अब सॉफ्टवेयर भी नहीं बचे!
1 नवंबर 2025 से अमेरिका में चीन से आने वाले हर प्रोडक्ट पर 100% अतिरिक्त टैक्स लगेगा — जी हां, मतलब सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, टी-शर्ट और शायद पांडा GIFs तक टैक्स में आएंगे। ट्रंप का कहना है – “अब जब चीन ने ज़रूरी रसायनिक तत्वों पर रोक लगा दी है, तो हमने भी इम्पोर्ट की चाय में नींबू निचोड़ दिया है।”
ट्रंप-जिनपिंग मीटिंग रद्द — लेकिन रद्द नहीं!
ट्रंप ने अपने एशिया टूर के दौरान शी जिनपिंग से मीटिंग को “कैंसिल तो नहीं कहा, लेकिन कैंसिल ही समझो” स्टाइल में ठुकरा दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा:
“अब मिलने का कोई फायदा नहीं, हम दोनों एक-दूसरे से मिलने का मन नहीं बना पा रहे।
Rare Earth Elements: चीन का ‘जादू’ जो सबको चाहिए
चीन के पास दुनिया का 80-90% Rare Earth Elements का स्टॉक है, जिससे बनते हैं —
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इलेक्ट्रिक कार
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फाइटर जेट
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सेमीकंडक्टर्स
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हाई-टेक रडार
अब चीन ने इनमें से 5 तत्वों पर अमेरिका के लिए एक्सपोर्ट कंट्रोल लगा दिया है, जो 1 दिसंबर 2025 से लागू होगा। यानी “टेक्नोलॉजी का पेट्रोल” अब महंगा या गैर-मुमकिन हो सकता है।
ग्लोबल ट्रेड पर इसका असर?
“सिर्फ चीन और अमेरिका नहीं, पूरी दुनिया को Sneezing शुरू हो गई है क्योंकि दो दिग्गज अब Cold War की जगह ‘Tariff Fever’ में हैं।”
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सप्लाई चेन पर दबाव
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टेक सेक्टर में अनिश्चितता
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स्टॉक्स में गिरावट
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ग्लोबल ट्रेड डील्स में रुकावट
फिलहाल इतना तय है — नवंबर से ट्रेड वॉर का नया सीज़न शुरू हो रहा है, और हर एपिसोड में ट्विस्ट पक्का है।