पवन सिंह ने किया “पोलिटिकल कट”: “ना बटन दबेगा, ना पोस्टर लगेगा!”

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

भोजपुरी सिनेमा के ‘लाल घाघरा’ वाले सुपरस्टार और ‘लोकसभा के लाल’ बनने की अटकलों के बीच पवन सिंह ने खुद ही स्क्रिप्ट काट दी। उन्होंने एक्स (Twitter) पर अमित शाह के साथ फोटो डालते हुए एलान किया:

“हम पार्टी के सच्चे सिपाही हैं। चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है।”

राजनीति से ब्रेक या स्क्रिप्ट का क्लाइमेक्स?

बीजेपी टिकट की चर्चाओं ने पवन सिंह को कई दिनों से सियासी सुर्खियों में बनाए रखा था। कहा जा रहा था कि उन्हें किसी सीट से मौका मिल सकता है। पर उन्होंने बिना नाम लिए, साफ कर दिया कि पार्टी में आने का मकसद चुनाव लड़ना नहीं था — बस पार्टी को “सीन” में सपोर्ट करना है।

निजी जिंदगी के विवाद का असर?

कई लोगों का मानना है कि पवन सिंह का यह फैसला पत्नी ज्योति सिंह के साथ चल रहे विवाद की वजह से लिया गया है। राजनीति में उतरने से पहले ही जब निजी मोर्चा गरम हो, तो चुनावी रण में कदम रखना शायद सही नहीं लगता। राजनीति में जहां विपक्ष स्क्रिप्ट नहीं पढ़ता — वहाँ एक्टर को भी संभलकर चलना पड़ता है।

पार्टी के “पोस्टर ब्वॉय”, लेकिन बैलेट पेपर से बाहर!

उनके सोशल मीडिया पोस्ट ने ये तो साफ कर दिया कि वो बीजेपी के पोस्टर और मंच पर रहेंगे, लेकिन चुनाव के पोस्टर में नाम नहीं होगा

राजनीति में पवन सिंह की भूमिका अभी एक ब्रांड एंबेसडर या प्रचारक जैसी रहेगी। मतलब जवानी जिंदाबाद स्टाइल में वोट मांगेंगे, पर खुद खड़े नहीं होंगे

क्या अगली बार पवन सिंह चुनावी स्क्रिप्ट में नजर आएंगे?

फिलहाल तो उन्होंने माइक नीचे रख दिया है, लेकिन राजनीति एक ऐसा मंच है जहां फ्लैशबैक में भी एंट्री होती है। आगे क्या होगा, ये सिर्फ जनता जनार्दन और पार्टी हाईकमान जानते हैं।

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