
25 मई 2025 को आयोजित UPSC Prelims 2025 के GS पेपर 1 ने उम्मीदवारों के दिमाग़ को तंदूर में सेंक दिया। जिसको देखकर एक ही सवाल उठता है—क्या यह वाकई Screening Test था या Olympiad के नाम पर Trap Test?
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यूपीएससी या CAT का भाई?
करीब 70% सवाल कथन आधारित (Statement-based) थे। छात्रों को केवल ज्ञान नहीं, बल्कि शब्दों के नटखट खेल को समझना पड़ा।
चुल्ल, भसड़ और बुद्धि का बैलेंस शीट!
UPSC Prelims 2025 का General Studies पेपर एक ऐसा मिक्सचर था जिसमें तथ्य, तुक्का, और तड़का तीनों बराबर मात्रा में डाले गए थे। आइए, देखें किस विषय ने दिमाग में चुल्ल मचाई और कहाँ UPSC ने भसड़ फैलाई —
प्राचीन इतिहास और राजनीति:
आसान से स्कोरिंग
UPSC ने यहां थोड़ी रहमदिली दिखाई। ऐसा लगा जैसे पेपर बनाने वाले बोले हों – “बेटा, शुरुआत तो आसान से करो!”
जिन्होंने NCERT को रटते-रटते पन्ने घिस दिए थे, उन्होंने यहां आत्मा से टिक किया।
“कॉन्सेप्ट क्लियर? तो नंबर पक्के। नहीं? तो अगली बार प्राचीन इतिहास को सिर्फ ‘option’ मत समझना।”
आधुनिक इतिहास:
कठिनाई में लिपटा परिचय
विषय तो वही पुराने – 1857, कांग्रेस, क्रांतिकारी, लेकिन सवाल ऐसे कि जैसे पूछ रहे हों – “गांधी जी जब नमक बना रहे थे, उनके मन में क्या चल रहा था?”
“सवाल आसान दिखे, लेकिन UPSC ने उसमें भावनात्मक छलांग लगवा दी। समझ नहीं, दर्शनशास्त्र चाहिए था!”
भूगोल:
बेसिक आसान, मैप वाला खतरनाक
जो लोग सोच रहे थे कि “भूगोल मतलब नदियाँ, पहाड़, पठार”, उनके लिए UPSC ने GPS गुम कर दिया।
“मैप वाले सवाल देखकर ऐसा लगा जैसे UPSC पूछ रहा हो – ‘तुम्हें भारत में रहना भी है कि नहीं?'”
पर्यावरण:
लंबा, उलझाऊ, धैर्य-परीक्षक
यह सेक्शन UPSC की slow poison वाली चाल थी। पहले सवाल पढ़ो, फिर पढ़ो… और फिर पढ़ते रहो – समझ आने तक परीक्षा खत्म।
“यह पर्यावरण नहीं, समय और सब्र की कड़ी परीक्षा थी। पर्यावरण नहीं बचाया तो नंबर भी नहीं बचेंगे।”
विज्ञान और प्रौद्योगिकी:
विज्ञान का अंधा कुंआ
यहाँ UPSC ने कहा – “बेसिक साइंस नहीं, हम तुम्हें ISRO की लैब से बुला रहे हैं!”
क्वांटम टेक्नोलॉजी से लेकर obscure प्रोसेस तक – विज्ञान के नाम पर विज्ञान-फंतासी!
“यह सेक्शन देखकर कई कैंडिडेट्स बोले – ‘भाई, NEET का पेपर लग रहा है!'”
करेंट अफेयर्स:
व्यापक, गहराई वाली घुसपैठ
UPSC ने कहा – “एक साल के करेंट से काम नहीं चलेगा, 2022 का ट्वीट भी याद रखो!”
यहाँ प्रश्न नहीं, सवालों की फैशन रैंप थी – सारे ट्रेंड्स एक साथ।
“PDF वाली तैयारी वालों को लगा – ‘ये तो syllabus से बाहर का current है!'”
UPSC GS Paper 1
विषय | UPSC का मूड | उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया |
---|---|---|
प्राचीन इतिहास | “चलो थोड़ा आसान बना देते हैं” | “शुक्र है, कुछ तो आया!” |
आधुनिक इतिहास | “सवाल सीधा, सोच घुमावदार” | “हाय राम, ये पूछ क्या रहे हैं!” |
भूगोल | “Location, Location और Confusion!” | “मैप में इंडिया ही नहीं दिख रहा!” |
पर्यावरण | “चलो, थोड़ा पढ़ो… और बहुत सोचो” | “3 मिनट का सवाल, 5 मिनट की कहानी” |
विज्ञान-प्रौद्योगिकी | “Concept छोड़ो, Code समझो” | “ISRO वाला भेजा था क्या?” |
करेंट अफेयर्स | “सिर्फ अभी नहीं, पिछले जन्म का भी जानो” | “ये Prelims था या लोकसभा डिबेट?” |
चुल्ल मचाने वाला पेपर, भसड़ कराने वाला अनुभव
UPSC इस बार कुछ और ही मूड में था – “जिन्होंने मेहनत की, वही पास होंगे… और जिनकी किस्मत थी, वो भी नहीं!”
यह पेपर सिर्फ एक परीक्षा नहीं था, यह एक अनुभव था — फैक्ट्स, फ्लो और फ्रस्ट्रेशन का त्रिकोण।
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