
उत्तर प्रदेश सरकार ने फार्मा, बायोटेक और हेल्थ-टेक के क्षेत्र में एक बड़ा गेम प्लान तैयार कर लिया है। 18 जुलाई को लखनऊ में हुए खास इवेंट में UP Promote Pharma Council ने फरीदाबाद के THSTI और IIT-BHU वाराणसी के साथ दो महत्वपूर्ण समझौते (MoUs) पर हस्ताक्षर किए।
उद्देश्य है — रिसर्च को बढ़ावा देना, नए आइडियाज को पंख देना, स्टार्टअप्स को समर्थन देना और स्किल डेवलपमेंट में नई जान फूंकना।
MoU साइनिंग: रिसर्च से लेकर रोजगार तक की प्लानिंग
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पहला एग्रीमेंट THSTI, फरीदाबाद के साथ हुआ जो हेल्थ टेक्नोलॉजी और साइंस के क्षेत्र में जाना-माना संस्थान है।
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दूसरा MoU IIT-BHU के साथ हुआ जो टेक्नोलॉजी इनोवेशन और युवा प्रतिभाओं के लिए देश का स्तंभ है।
दोनों संस्थानों ने लंबी अवधि की पार्टनरशिप का वादा किया है, जिसमें रिसर्च, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, ट्रेनिंग, टेक ट्रांसफर और स्टार्टअप्स का सपोर्ट शामिल है।
सिर्फ ताजमहल नहीं, टेक हब भी है!’
“यूपी में इन MoUs के जरिए रिसर्च और इनोवेशन को असली पंख मिलेंगे।”
CM योगी के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा – “यह कदम $1 ट्रिलियन इकॉनमी और मेडिकल डिवाइस पार्क जैसे बड़े टारगेट्स को तेजी देगा।”
यमुना एक्सप्रेसवे पर मेडिकल डिवाइस पार्क और ललितपुर में बल्क ड्रग मैन्युफैक्चरिंग यूनिट पर तेजी से काम चल रहा है।
आगे की राह: ग्लोबल पार्टनरशिप से लोकल टैलेंट तक
फार्मा काउंसिल की MD और CEO IAS कृतिका शर्मा ने बताया – “हमारा लक्ष्य सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी-ड्रिवन स्किल इकोसिस्टम बनाना है। यूपी को फार्मा और हेल्थ-टेक का इनोवेशन हब बनाया जाएगा।”
इवेंट में मेडिकल एजुकेशन सेक्रेटरी अपर्णा यू, THSTI की डॉ. नित्या वाधवा, IIT-BHU के प्रो. राजेश कुमार और सुशांत कुमार श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
अब यूपी में स्टार्टअप्स के लिए ‘यू टर्न’ नहीं, ‘फास्ट ट्रैक’
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम सिर्फ कागज़ी MoU नहीं, बल्कि ‘Make in India’ को मेडिकल इन इंडिया में बदलने की दिशा है। अब लखनऊ, नोएडा और वाराणसी जैसे शहर न केवल शिक्षा केंद्र बल्कि हेल्थ-टेक इनोवेशन जोन बनेंगे।
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