यूपी एमएलसी चुनाव की तैयारी, भाजपा में लगी टिकट की लाइन

हुसैन अफसर
हुसैन अफसर

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले एमएलसी चुनाव 2026 के लिए अभी से राजनीतिक बिसात बिछनी शुरू हो चुकी है। जहाँ पहले ये चुनाव साइलेंट कॉर्नर होते थे, इस बार माहौल कुछ ज़्यादा ही गरम और दिलचस्प दिख रहा है।
सपा और कांग्रेस दोनों ने कई सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, जबकि भाजपा में टिकट चाहने वालों की लाइन भाजपा कार्यालय से लेकर वाट्सऐप ग्रुप तक फैली है।

सपा ने दिखाई फुल स्पीड— “पहले मैदान, बाद में मैदान-ए-जंग!”

समाजवादी पार्टी ने इस बार सबसे पहले मोर्चा संभाल लिया है।

  • आगरा शिक्षक सीट से डॉ. चंद्र प्रकाश गुप्ता
  • स्नातक सीट से शशांक यादव
  • मेरठ-गाजियाबाद से प्रमेंद्र भाटी (स्नातक) और नितिन तोमर (शिक्षक)
  • लखनऊ-सीतापुर से कांति सिंह (स्नातक) और सुशील सिंह (शिक्षक)
  • वाराणसी-मीरजापुर में फिर से लाल बिहारी यादव और आशुतोष सिन्हा
  • झांसी-इलाहाबाद से पुराने एमएलसी मानसिंह यादव को दोबारा मौका

सपा का मेसेज साफ है — “जो जीता वही सपा-सा!”

कांग्रेस भी अब सिर्फ पोस्टर पार्टी नहीं — मैदान में दमदार एंट्री

कांग्रेस इस बार “ट्रेलर नहीं, पूरी पिक्चर” मोड में है।
पहले तो ये चुनावों को हल्के में लेती थी, अब हर सीट पर अपने दमदार प्रत्याशी खोज रही है।

  • लखनऊ से देवमणि त्रिपाठी मैदान में हैं — प्रतापगढ़ में स्कूल-कॉलेज चलाने वाले और ‘प्रमोद तिवारी ब्रिगेड’ के करीबी।
  • वाराणसी में अरविंद सिंह पटेल — कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के सिपहसालार।

कांग्रेस की तैयारी से यह लड़ाई अब “दोतरफा नहीं, तीनतरफा मुकाबला” बनती दिख रही है।

भाजपा में टिकट चाहने वालों की लाइन — “फाइलों से लेकर फ्रंट पेज तक!”

भाजपा ने अभी प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं, लेकिन दावेदारों की लिस्ट इतनी लंबी है कि लगता है टिकट नहीं, “लॉटरी सिस्टम” चल रहा है।

  • लखनऊ से उमेश द्विवेदी और डॉ. महेंद्र नाथ राय
  • इलाहाबाद से अशोक राठौर, मलय शर्मा, सुरेश त्रिपाठी
  • गोरखपुर से अजय सिंह, संजय त्रिपाठी
  • मेरठ से श्रीचंद्र शर्मा (शिक्षक सीट) और निर्दलीय से भाजपा होते आकाश अग्रवाल
  • वाराणसी से चेतनारायण सिंह, रमेश सिंह और ब्रजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह

भाजपा दफ्तर का माहौल इस समय वैसा है जैसे ‘Bigg Boss हाउस’— सब चाहते हैं “टिकट” पर कैमरा फोकस!

यूपी की राजनीति में इस बार साइलेंस मोड नहीं — नॉइज़ कैंसिलिंग की जरूरत पड़ने वाली है। सपा के पोस्टर लग चुके हैं, कांग्रेस ने भी बैनर ऑर्डर दे दिए हैं और भाजपा में सेल्फी फॉर टिकट का सीजन चल पड़ा है।

अब देखना यह है कि शिक्षक-स्नातक सीटों का ये इंटेलिजेंट इलेक्शन, राजनीतिक दिमागों की “स्मार्ट क्लास” में कौन पास होता है और कौन सप्लीमेंट्री देता है!

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