ट्रंप vs मस्क: टेस्ला बनी झगड़े की चिंगारी

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

तीन महीने पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के लॉन में चमकती लाल टेस्ला कार दिखाकर ऐलान किया था:
“यह मेरी गाड़ी है, मस्क की बनाई हुई।”
शायद ट्रंप ने सोचा था कि ये कार उन्हें 2024 की रेस में बिजली जैसी रफ्तार देगी। मगर असली स्पार्क तो अब जाकर निकला।

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जब कार की कीमत से ज़्यादा हो गई टैक्स की गर्मी

अब खबर ये है कि ट्रंप साहब उस टेस्ला को बेचने का मन बना चुके हैं — वजह? एलन मस्क की “राजनीतिक विद्रोहिता” और इलेक्ट्रिक वाहनों की टैक्स छूट पर तकरार।
ट्रंप का कहना है कि उनका नया खर्च विधेयक टेस्ला के मुनाफे को चपत लगाएगा, और मस्क इसी से चिढ़े हैं।

मस्क की बगावत, ट्रंप की धमकी

जैसे ही ट्रंप ने मस्क पर “घाटे का विरोधी” टैग लगाया, मस्क भी पीछे नहीं हटे। उन्होंने महाभियोग की धमाकेदार मांग कर दी। यानि, पहले टेस्ला दी, फिर टैक्स छीना और अब “इंपिच ट्रंप” का ट्रेंड चला दिया।

व्हाइट हाउस बना शोरूम, नीतियों का टेस्ट ड्राइव चालू

अब मामला सिर्फ कार से नहीं, कंपनी के करोड़ों के सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स तक जा पहुंचा है। ट्रंप ने अप्रत्यक्ष रूप से मस्क के “फेडरल डील्स” पर सवाल उठाए, और मस्क ने सीधे ट्रंप के मानसिक संतुलन पर।

जिस अमेरिका में नेता कारों से लेकर कोडर्स तक पर ट्वीट कर दें, वहां लोकतंत्र का “चार्जिंग पोर्ट” भी पब्लिक के मूड से चलता है।

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