ट्रंप ने पाक आर्मी चीफ को लंच पर बुलाया, भारत को लगी कूटनीतिक चपत

सत्येन्द्र सिंह ठाकुर
सत्येन्द्र सिंह ठाकुर

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वॉशिंगटन डीसी स्थित व्हाइट हाउस में मुलाक़ात की। खास बात यह रही कि उन्हें लंच पर आमंत्रित किया गया, जिसे अमेरिका की विदेश नीति और रक्षा संबंधों में एक अहम कदम माना जा रहा है।

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कांग्रेस बोली — ये भारत की कूटनीतिक हार है!

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मुलाकात पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने एक्स  पर पोस्ट किया:

“आसिम मुनीर न किसी सरकार के मुखिया हैं, न किसी राष्ट्र के. फिर भी उन्हें ट्रंप ने व्हाइट हाउस में लंच पर बुलाया और उनकी तारीफ की।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुनीर वही व्यक्ति हैं जिनके कथित भड़काऊ बयानों के बाद 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में बर्बर आतंकी हमला हुआ था।

रमेश का कहना था:

“यह झप्पी-कूटनीति की असफलता है। यह घटना भारतीय कूटनीति के लिए बड़ा झटका है।”

कौन हैं जनरल आसिम मुनीर?

जनरल आसिम मुनीर पाकिस्तान के वर्तमान सेना प्रमुख (COAS) हैं। सेना प्रमुख होने के नाते उनका विदेश दौरों पर जाना कोई नई बात नहीं, लेकिन किसी अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा उन्हें व्यक्तिगत रूप से व्हाइट हाउस लंच पर बुलाया जाना कई राजनीतिक संकेत देता है।

ट्रंप का संदेश क्या था?

हालांकि अब तक ट्रंप की ओर से इस मुलाकात को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया और सरकारी सूत्रों के अनुसार यह बैठक रिजनल सिक्योरिटी और डिफेंस कोऑपरेशन पर केंद्रित रही।

भारत के लिए क्या मायने हैं?

विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच ऐसी खुली और दिखावटी दोस्ती भारत के लिए कूटनीतिक चिंता का विषय हो सकती है — खासकर तब, जब भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार भी है।

व्हाइट हाउस में पाक सेना प्रमुख का स्वागत और ट्रंप के साथ उनका भोज, भारत के राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर गया है। कांग्रेस ने जहां इसे भारत की कूटनीतिक विफलता करार दिया है, वहीं अमेरिका की तरफ़ से अब तक कोई स्पष्ट स्थिति सामने नहीं आई है। यह घटना आने वाले भारत-अमेरिका संबंधों की दिशा को प्रभावित कर सकती है।

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