
उत्तर प्रदेश में तबादलों का खेल कुछ इस कदर तेज़ हो गया कि अब ताश के पत्तों की तरह अफसरों की कुर्सियां फेंट दी गईं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जैसे ही मामले की भनक ली, वैसे ही पूरा ‘प्रशासनिक पत्ता’ उलट दिया।
बिरयानी और साज़िश! पाक फौज का डील कौन फिक्स कर रहा है?
प्रतीक्षारत की कुर्सी पर VIP वेटिंग!
अब कोई रेलवे स्टेशन का वेटिंग रूम हो या शासन का—“प्रतीक्षारत” शब्द की इज़्ज़त बढ़ गई है।
आईजी स्टांप समीर वर्मा प्रतीक्षारत
निदेशक चिकित्सा शिक्षा भवानी सिंह खंगारौत प्रतीक्षारत
महानिरीक्षक स्टांप का पद भी खाली
सीएम के आदेश के बाद 202 तबादले रद्द कर दिए गए। यानि आधी फाइलें वापस ‘इनवर्ड’ हो गईं।
तबादले तो हुए, पर “तबाही” के साथ!
तबादले हुए ज़रूर, लेकिन सवाल ये है कि इनमें तबाही ज़्यादा और पारदर्शिता कम क्यों दिखी?
स्टांप और पंजीयन विभाग के अफसरों पर आरोप लगे कि “तबादला दर-के हिसाब से” होता था—पैकेज के साथ पोस्टिंग फिक्स।
स्टांप विभाग: नाम स्टांप का, काम सीधा ‘डील-बुक’ का!
स्टांप एवं पंजीयन विभाग ऐसा लग रहा था जैसे सरकारी ऑफिस नहीं, कोई HR कंसल्टेंसी फर्म हो। फॉर्मूला था—”पे एंड पोस्ट”। अब सीएम ने विभाग के सभी तबादलों को रद्द कर दिया है और प्रमुख सचिव अमित गुप्ता को आईजी स्टांप का अतिरिक्त चार्ज सौंपा है।
स्वास्थ्य विभाग की हालत भी ‘ICU’ में!
स्वास्थ्य विभाग का इलाज करने आई सरकार! भवानी सिंह खंगारौत को प्रतीक्षारत कर दिया गया है, और आर्यका अखोरी को निदेशक प्रशासन का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है।
विभाग में हुए तबादले भी अब शून्य कर दिए गए हैं। यानी डॉक्टर अब मरीज नहीं, फाइलें देखेंगे!
योगी मॉडल: ट्रांसफर-फेर को मिला झटका
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट संदेश—“तबादले सेवा के लिए हों, सेल के लिए नहीं!”
भ्रष्टाचार की बू आई तो फाइलें सील कर दी गईं। सस्पेंड नहीं तो प्रतीक्षारत—क्योंकि यूपी में अब ‘कुर्सी गरम है’, और फाइलें सर्द।
सवाल जनता के…
क्या वाकई इन प्रतीक्षारत अफसरों के खिलाफ जांच होगी?
क्या सिर्फ तबादलों की फाइल पलटने से सिस्टम सुधरेगा?
या फिर कुछ महीनों बाद यही खेल फिर से री-रन होगा?
तबादलों का खेल रद्द, लेकिन सिस्टम का ‘स्क्रिप्ट’ वही पुराना है।
जब तक अफसरशाही में “पोस्टिंग = पैसा” का गणित चलता रहेगा, तबादलों में “ट्रांसफर” से ज़्यादा “ट्रैफिक” और “टेंशन” ही बढ़ेगा।
भारत-पाक में लगे गले, ईरान-इजरायल में क्यों जल रही दाढ़ी ट्रंप जी?