महंगाई भत्ता : 7वें वेतन आयोग का अंतिम डीए रिवीजन अंतिम संस्कार जैसा

सैफी हुसैन
    सैफी हुसैन

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 2025 की पहली तिमाही में आई मंहगाई राहत नहीं, मंहगाई की चोट है। पिछले महीने केंद्र सरकार ने DA में सिर्फ 2% की ‘सद्भावना वृद्धि’ की थी, और अब खबरें हैं कि जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए DA या तो “0%” रहेगा या “2% से भी कम” बढ़ेगा। ऐसे में जनता पूछ रही है — “सरकार DA बढ़ा रही है या बस Google Sheet में गुम कर रही है?”

सिंधु जल संधि पर भारत की जनता जनार्दन बोली – “अब पानी भी नहीं देंगे!”

DA यानी Dearness Allowance है क्या?

साधारण भाषा में कहें तो यह एक ऐसा भत्ता है जो सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह में महंगाई से लड़ने के लिए जोड़ा जाता है, ताकि “आलू के दाम” और “तनख्वाह का सम्मान” साथ-साथ चल सकें। इसे हर 6 महीने में बढ़ाया जाता है – जनवरी और जुलाई में।

DA की गणना कैसे होती है?

DA फॉर्मूला: DA = [(AICPI-IW का औसत x 2.88) – 261.4] x 100 / 261.4 यहाँ AICPI-IW मतलब All India Consumer Price Index for Industrial Workers, यानी ऐसा स्कोर बोर्ड जिस पर सरकार देखती है कि “आम आदमी कितना महंगा जी रहा है।”

लेकिन इस बार स्कोर बोर्ड ही स्लाइड कर गया है –
जनवरी 2025: 143.2
फरवरी 2025: 142.8 (गिरावट!)
मुद्रास्फीति: सिर्फ 2.59%
CPI: 3.34% (पांच साल की सबसे कम)

सिंधु संधि पर बौखलाए ख्वाजा आसिफ: ‘अभिनंदन को याद करो, हम तैयार हैं!

अगर आने वाले महीनों में AICPI में सुधार नहीं होता, तो अगली डीए घोषणा सिर्फ कर्मचारियों की हँसी उड़ाने के लिए होगी। 7वें वेतन आयोग का यह अंतिम डीए रिवीजन किसी अंतिम संस्कार जैसा महसूस हो रहा है – “पगड़ी रख दी गई है, अब बस AICPI से फूलों की माला की प्रतीक्षा है।”

Related posts

Leave a Comment