
लैटिन मूल के लोगों की बहुलता वाले एक क्षेत्र में हुई इमिग्रेशन रेड के बाद लॉस एंजेलिस की सड़कों पर हजारों लोग उतर आए। इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में अवैध आप्रवासियों को हिरासत में लिया गया, जिसके बाद प्रदर्शन अचानक उग्र हो गया। कई वाहनों को आग के हवाले किया गया और कुछ इलाकों में लूटपाट की घटनाएं भी सामने आईं।
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पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए बल प्रयोग किया और अब तक दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
ट्रंप प्रशासन की सख़्ती: नेशनल गार्ड और मरीन तैनात
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ट्रंप प्रशासन ने लॉस एंजेलिस में नेशनल गार्ड्स और यूएस मरीन की तैनाती का आदेश दिया है। हालांकि, कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर ने इस फैसले के खिलाफ अदालत का रुख़ कर लिया है, जिससे केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन गई है।
किन-किन शहरों में हो रहे हैं प्रदर्शन?
मंगलवार को टेक्सस, न्यूयॉर्क, सैन फ़्रांसिस्को, सैंटा एना, फिलाडेल्फिया, अटलांटा, शिकागो, वॉशिंगटन डीसी, बोस्टन और सिएटल में भी व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुए हैं।
इन प्रदर्शनों का मुख्य केंद्र इमिग्रेशन ऑफिस बने हुए हैं, जिनके बाहर प्रदर्शनकारियों की भीड़ लगातार जुट रही है।
सिएटल में रुकावटें, वॉशिंगटन डीसी में मार्च
सिएटल में करीब 50 प्रदर्शनकारियों ने ई-स्कूटर और बाइक्स से इमिग्रेशन ऑफिस के रास्ते ब्लॉक कर दिए। वहीं वॉशिंगटन डीसी में ट्रेड यूनियनों के सदस्यों ने न्याय विभाग के सामने प्रदर्शन किया। शुक्रवार को एक प्रमुख यूनियन नेता डेविड हुएर्ता की गिरफ्तारी से ग़ुस्सा और भड़क गया।
शिकागो और टेक्सस में भीड़ और तैनाती
शिकागो के डाउनटाउन इलाके में हजारों लोग विरोध में शामिल हुए। वहीं टेक्सस के ऑस्टिन और सैन एंटोनियो में भी प्रदर्शन जारी हैं। टेक्सस गवर्नर ने सैन एंटोनियो में नेशनल गार्ड्स की तैनाती का आदेश दे दिया है।
अमेरिका में इमिग्रेशन छापों के बाद उत्पन्न हालात ने ना केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी तनाव पैदा कर दिया है। इन घटनाओं का असर आने वाले महीनों में अमेरिकी चुनावी माहौल पर भी दिख सकता है।