टेस्ला Vs ट्रंप: टेक टाइकून और टॉप नेता की ठन गई!

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

2025 की गर्मियों में जब अमेरिका के राजनीतिक तापमान में उबाल आ रहा था, तभी एक और धमाका हुआ—एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप आमने-सामने आ गए। दुनिया के सबसे अमीर आदमी और सबसे विवादास्पद नेता की ये भिड़ंत अचानक नहीं थी, इसके संकेत बहुत पहले से मिल रहे थे। लेकिन अब ये पूरी तरह खुलकर सामने आ गई है।

डोनाल्ड ट्रंप ने मस्क के खिलाफ धमकी दी कि उनके स्पेसएक्स और टेस्ला जैसे अरबों डॉलर के सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स खत्म किए जा सकते हैं। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि “अगर बजट बचाना है, तो मस्क की सब्सिडी बंद करो”

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ट्रंप की धमकी और टेस्ला को झटका

ट्रंप के बयान का सीधा असर मस्क की कंपनी पर दिखा। टेस्ला के शेयर 14% तक गिर गए, जिससे अरबों डॉलर की मार्केट वैल्यू उड़ी। मस्क के लिए ये सिर्फ आर्थिक नुकसान नहीं था, बल्कि एक राजनीतिक संकेत भी था कि अब वो ट्रंप के निशाने पर हैं।

मस्क का पलटवार: ट्वीट और ‘बम’

ट्रंप की धमकी का जवाब मस्क ने भी उसी भाषा में दिया—ट्वीट और एक्स पर बयानबाज़ी से। उन्होंने ट्रंप पर महाभियोग की मांग करते हुए लिखा कि “मैं एक बड़ा बम गिराने वाला हूं”। यही नहीं, उन्होंने बिना किसी सबूत के ट्रंप का नाम यौन अपराधी जेफ़्री एपस्टीन की फाइल से जोड़ दिया।

मस्क ने साफ कर दिया कि वो लड़ाई के लिए तैयार हैं और सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स से पीछे नहीं हटने वाले

राजनीति बनाम टेक्नोलॉजी का असली मतलब

इस पूरी लड़ाई के पीछे एक गहरी राजनीतिक जड़ है। मस्क ट्रंप प्रशासन का हिस्सा रहे हैं और उन्हें “स्पेशल गवर्नमेंट एम्प्लॉयी” का दर्जा भी दिया गया था। वह ट्रंप के उस विभाग के प्रमुख थे जिसने बजट में भारी कटौती की और कई सरकारी नौकरियां खत्म कर दीं।

पर अब वही मस्क ट्रंप की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं। टैक्स क्रेडिट खत्म करने के रिपब्लिकन प्रयासों से टेस्ला को नुकसान होगा, जिससे मस्क नाराज़ हैं।

डेमोक्रेट्स के लिए मौक़ा, पर दुविधा भी

डेमोक्रेटिक पार्टी मस्क की इस बग़ावत को लेकर शांत है। वो खुलकर मस्क का समर्थन नहीं कर रही, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी में हो रही फूट को चुपचाप देख रही है।

जैसा कि एक रणनीतिकार ने कहा:

“दुश्मन का दुश्मन, दोस्त होता है।”

डेमोक्रेट्स जानते हैं कि मस्क की फंडिंग और प्रभाव से ट्रंप को राजनीतिक रूप से चोट पहुंचाई जा सकती है।

SpaceX पर संकट के बादल

SpaceX अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम की रीढ़ है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) तक सप्लाई और अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए NASA इस पर निर्भर करता है।

अगर ट्रंप मस्क के साथ हुए कॉन्ट्रैक्ट्स को खत्म करते हैं, तो ये सिर्फ मस्क का नहीं, बल्कि अमेरिका के स्पेस प्रोग्राम का भी नुकसान होगा।

व्हाइट हाउस की चाबी और बंद दरवाज़े

कुछ महीने पहले तक मस्क को ट्रंप ने व्हाइट हाउस में विदाई समारोह में “गोल्डन की” दी थी—जो प्रतीक थी उनके लौटने की संभावना का। लेकिन अब ऐसा लगता है कि व्हाइट हाउस के ताले बदल दिए गए हैं।

ट्रंप ने खुद कहा:

“मेरे और मस्क के रिश्ते अच्छे थे…”
गौर करें—यह भूतकाल की बात थी।

टेस्ला, ट्रंप और चुनावी गठजोड़ की टूट

मस्क ने एक और अहम बात कही—अगर उन्होंने ट्रंप का समर्थन न किया होता, तो पिछला चुनाव डेमोक्रेट्स जीत लेते। ट्रंप के खिलाफ बयान देकर मस्क अब साफ कर चुके हैं कि उनका समर्थन अब किसी के लिए मुफ्त नहीं है।

वे अब रिपब्लिकन पार्टी में ऐसे उम्मीदवारों को फंड करने का संकेत दे रहे हैं जो ट्रंप के खिलाफ हैं। यानी ट्रंप की नींव को हिलाने की तैयारी ज़ोरों पर है।

अब आगे क्या?

अब जब मैदान खुल चुका है, तो संभावनाएं कई हैं:

  • ट्रंप मस्क के पुराने कॉन्ट्रैक्ट्स की जांच शुरू कर सकते हैं

  • मस्क ट्रंप विरोधी उम्मीदवारों को फंडिंग देकर उनकी पार्टी में बगावत खड़ी कर सकते हैं

  • डेमोक्रेट्स दूर से तमाशा देखते हुए फ़ायदा उठा सकते हैं

राजनीति और टेक्नोलॉजी की इस टक्कर ने साबित कर दिया है कि सत्ता और दौलत जब लड़ते हैं, तो पूरा सिस्टम हिल जाता है।

मस्क का संदेश: “मैं लंबी रेस का घोड़ा हूं”

मस्क ने आखिर में ट्वीट करके ट्रंप को याद दिलाया:

“ट्रंप के पास साढ़े तीन साल हैं, मेरे पास 40 साल हैं!”

ये सिर्फ एक चेतावनी नहीं, एक रणनीति है। मस्क जान चुके हैं कि सत्ता स्थायी नहीं, लेकिन टेक्नोलॉजी और पूंजी लंबे समय तक अपना असर रखती हैं।

मस्क और ट्रंप की यह लड़ाई एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि दो अलग-अलग विचारधाराओं, दो सशक्त संस्थानों और दो भविष्य की संभावनाओं की टक्कर है।

इसमें हार किसी एक की नहीं होगी, पर अमेरिका की राजनीति और टेक्नोलॉजी की दिशा ज़रूर बदलेगी।

गांधी बिक रहे हैं, सवाल यह है कि खरीदेगा कौन? राहुल जाएंगे खरीदने!!

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