गोपाल निकला तजम्मुल! ढाबे की प्लेट तो साफ थी, पहचान में घुला झोल

मुजफ्फरनगर में हाईवे पर चलता एक मामूली सा ढाबा, अचानक से राष्ट्रीय राजनीति का मंच बन गया — वजह? एक प्लेट पर लिखा था “पंडित जी वैष्णो ढाबा”, लेकिन अंदर काम कर रहा था “तजम्मुल”, जो खुद को बता रहा था “गोपाल”। जी हां, जिसने कहा “मैं गोपाल हूं”, वो निकला तजम्मुल। और जिसने कहा “नाम बताओ”, वो बन गया विवादों का बाबा – स्वामी यशवीर महाराज। डॉलर की ऐंठ गई हवा! सबसे कमजोर प्रदर्शन, सोने की चमक ने छीना दबदबा “नाम में क्या रखा है?” – मुजफ्फरनगर में अब…

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