किताबों से संसद तक: मीनाक्षी जैन और सदानंदन मास्टर की नई पारी

डॉ. मीनाक्षी जैन — इतिहास की कक्षा से संसद की गलियारों तक का सफर तय करने वाली वो विदुषी, जिनकी कलम से निकली किताबें अकादमिक जगत में तहलका मचा चुकी हैं।गर्गी कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहीं जैन का शोध भारतीय संस्कृति, मंदिरों के पुनर्निर्माण और उपनिवेशवाद पर केंद्रित रहा है। उनकी किताबों में ‘रामा एंड अयोध्या’, ‘सती’, और ‘द फ्लाइट ऑफ डिएटीज़’ जैसे शीर्षक न सिर्फ इतिहास के अध्याय खोलते हैं, बल्कि बहस भी शुरू कर देते हैं — और कुछ आलोचकों को नींद भी उड़ा देते हैं। 2020…

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‘Howdy Modi’ याद है? हर्षवर्धन श्रृंगला- “Howdy Sansad” कहने वाले हैं

मुंबई में जन्मे हर्षवर्धन श्रृंगला का सफर सरकारी गलियारों से होते हुए अब संसद तक पहुँच गया है। मेयो कॉलेज, अजमेर से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली से स्नातक किया। उनके पिता भी प्रशासनिक सेवा में थे — यानी सेवा परिवार की परंपरा रही है। मराठी नहीं आती? चलिए, लातों से सिखाते हैं!” – सड़क पर ट्यूशन सेंटर विदेशों की खाक छान चुके हैं! 1984 में IFS में भर्ती होने के बाद, श्रृंगला ने वियतनाम, इजराइल, फ्रांस, यूएन मिशन न्यूयॉर्क, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, बांग्लादेश और अमेरिका…

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बीजेपी नेता जुगल किशोर का इंटरव्यू: दलित. राजनीति, सरकार पर बेबाक राय

उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों दो मुद्दे छाए हुए हैं – पहला, सीमापार आतंक के खिलाफ भारत की सख्त सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’, और दूसरा, गांव-गांव में जोर पकड़ता पंचायत चुनावी माहौल। इन दोनों के बीच दलित और मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका बेहद निर्णायक मानी जा रही है। इन सबके बीच साक्षी चतुर्वेदी ने बातचीत की भाजपा के कद्दावर दलित चेहरे और पूर्व राज्यसभा सांसद जुगल किशोर से, जो न सिर्फ भाजपा की नीतियों के वफादार प्रवक्ता हैं, बल्कि दलित समाज में अपनी गहरी पकड़ भी रखते हैं।…

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