भारत करे तो “स्वार्थ”, तुर्की करे तो “स्मार्ट”?ये सवाल अब सिर्फ भारत में नहीं, वाशिंगटन के कुछ गलियारों में भी गूंज रहा है। क्योंकि तुर्की एक साथ रूस से तेल भी खरीद रहा है, यूक्रेन को ड्रोन भी भेज रहा है, ब्रिक्स मीटिंग में भी जा रहा है, और नेटो का मेम्बर भी बना बैठा है। लेकिन ट्रंप? “अर्दोआन? Oh he’s my good friend. A terrific guy!” दूसरी ओर भारत? “Why are they buying oil from Russia? Increase the tariff.” सियासत का ये double standard अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी…
Read More