Ravan 2.0 जलाओ! – इस दशहरे समाज के असली राक्षसों को भी मारो

हर साल दशहरे पर हम राम-रावण की लड़ाई की याद में रावण दहन करते हैं। लेकिन अब सवाल ये है कि क्या केवल पुतला जलाने से बुराई खत्म हो जाती है?या फिर बुराई ने अब रूप बदल लिया है – Facebook Comments में नफरत बनकर, ऑफिस में भ्रष्टाचार बनकर, या हर गली में चुप्पी बनकर? आज के रावण कौन हैं? “पुराने रावण के दस सिर थे, आज के रावण के दस चेहरे हैं।” भ्रष्टाचार (Corruption) – जो सरकारी दफ्तरों से लेकर निजी कंपनियों तक फैल गया है। जातिवाद और धर्म…

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