उप-राष्ट्रपति पद छोड़ने के चार महीने बाद आखिरकार जगदीप धनखड़ ने अपनी पहली पब्लिक स्पीच दी। स्थान—भोपाल। मौका—RSS के जॉइंट सेक्रेटरी मनमोहन वैद्य की किताब ‘हम और यह विश्व’ का विमोचन। और माहौल—“मैं कुछ कहना चाहता हूँ… पर कह नहीं सकता” वाला। जी हाँ, धनखड़ ने अपने इस्तीफे पर सीधे कुछ नहीं कहा, लेकिन इशारों में आधा देश समझ गया। “Flights भी पकड़नी हैं, पर Duty भी नहीं भूलता” — धनखड़ का तंज वाला बयान स्पीच के दौरान उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा— “समय की कमी थी, गला खुल नहीं पाया……
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