हर साल लाखों युवा “IAS बनकर देश सेवा” का सपना आँखों में सजाते हैं। लेकिन जैसे ही वे तैयारी शुरू करने का सोचते हैं, सामने आ जाता है मिथकों का एक तूफान — “16 घंटे पढ़ना ज़रूरी है”, “दिल्ली जाओ वरना कुछ नहीं होगा”, “IAS बनना तो किस्मत वालों का ही काम है”, और न जाने क्या-क्या! कुछ तो ऐसा प्रचार करते हैं मानो UPSC की परीक्षा नहीं, कैलाश पर्वत की चढ़ाई हो! मेक ईरान ग्रेट अगेन! – ट्रंप की पोस्ट और सरकार का पोस्टमार्टम ऐसे में ज़रूरत है इन अफवाहों…
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