“इस बार नवरात्रि में सिर्फ आरती नहीं, एक प्रतिज्ञा भी करें!”

हर साल हम नौ रातों तक मां दुर्गा की पूजा करते हैं, उनके नौ रूपों को सजाते हैं, उपवास रखते हैं, आरती गाते हैं। लेकिन क्या कभी आत्मनिरीक्षण किया है कि इस आराधना का असली मकसद क्या है? नवरात्रि सिर्फ धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि एक नैतिक जागरूकता का उत्सव है। ये समय है भीतर की शक्ति को पहचानने का — और अधर्म के सामने डट कर खड़े होने का। धर्म बनाम अधर्म: कहानी सिर्फ पौराणिक नहीं, आज भी जारी है मां दुर्गा और महिषासुर की कथा प्रतीक है — अच्छाई…

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