दुनिया को जानो बाबू: वक़्फ़ पर सियासी संग्राम! हक़ीक़त बनाम हाइप

वक़्फ़ प्रबंधन से जुड़ा विधेयक कुछ ही घंटों में राजनीतिक बयानबाज़ी और धारणाओं का अखाड़ा बन गया। जहाँ एक तरफ विरोध करने वालों ने इसे मुसलमानों की संपत्ति पर हमला बताया, वहीं दूसरी ओर समर्थकों ने इसे “वक़्फ़ के आतंक” से मुक्ति का रास्ता कहा। ये बहस केवल विधायी नहीं थी, बल्कि एक सोच को स्थापित करने की कोशिश भी थी। क्या इस्लामी देशों में वक़्फ़ होता ही नहीं? बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने संसद में यह दावा कर दिया कि कई इस्लामिक देशों में वक़्फ़ जैसी कोई संस्था नहीं…

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ना शिया, ना सुन्नी, हिंदू या मुसलमान—हुसैन के दीवाने बस इंसान होते हैं

जब-जब दुनिया ने ज़ुल्म और अन्याय का क़हर देखा है, तब-तब करबला की सरज़मीं से उठी एक आवाज़ ने इंसानियत को राह दिखाई है। इमाम हुसैन का नाम सिर्फ किसी एक मज़हब या समुदाय की इबादत नहीं, बल्कि इंसाफ़, सच्चाई और हिम्मत की मिसाल है। वो जंग सिर्फ तलवारों की नहीं थी — वो जंग थी ज़मीर के ज़िंदा रहने की। आज जब मज़हबी पहचानें दीवारें खड़ी कर रही हैं, तब इमाम हुसैन की कुर्बानी हमें याद दिलाती है कि अल्लाह या भगवान से पहले, इंसान होना ज़रूरी है। हुसैन…

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