बिहार में इस बेरिया चुनावी मेला में, नेताजी लोग के नजर अब ‘नदी किनारे वाला वोट बैंक’ पर टिक गइल बा। जी हां, बात हो रहल बा मल्लाह यानी निशाद समाज के — जिनका बिना अब ना गंगा पार होती, ना कुर्सी। 2023 के जातीय सर्वे के हिसाब से, ई समुदाय कुल आबादी के करीब 9.6% बा, जिनमें मल्लाह अकेले 2.6% हउअन। अब एतना वोट के मोल भला कौन छोड़ेगा? “जिनके नाव, ओहके हाथ पतवार!” मुजफ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, खगड़िया से लेके पूर्वी-पश्चिमी चंपारण तक, मल्लाह समाज बीस से ज्यादा सीटन…
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