एक तरफ IIT, NEET और UPSC के बच्चे हैं जो दिन-रात कोचिंग में घिस रहे हैं, रातें जाग कर किताबें खा रहे हैं – सिर्फ़ इस उम्मीद में कि एक दिन सरकारी जॉब मिलेगी और 70 हज़ार की सेलरी आएगी। दूसरी तरफ वो “टैलेंटेड” युवा हैं, जिनका सारा दिन कैमरा ऑन, कपड़े ऑफ़, गालियों ऑन मोड में रहता है। न स्क्रिप्ट, न सिलेबस – बस रील्स में डायलॉग मारने का हुनर और करोड़ों का ब्रांड डील इनाम में। सामने आ गयी वो वजह जिसके चलते परेश रावल ने छोड़ी थी…
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