आज कार्तिक मास की पूर्णिमा की पावन संध्या पर भगवान शिव की नगरी काशी सचमुच देवों की नगरी बन गई।गंगा किनारे 20 लाख से अधिक दीयों की स्वर्णिम आभा ने ऐसा दृश्य रचा, मानो खुद देवता भी बालकनी से झाँक रहे हों! शाम 5:30 बजे से दीयों का समंदर उमड़ा — 88 घाट, 96 कुंड और 50,000 तालाबों पर फैली रोशनी ने वाराणसी को एक जीवित स्वर्ग बना दिया।गंगा पार रेती पर तीन लाख दीयों की कतारें देखकर लगा, धरती ने तारों को नीचे बुला लिया हो। नमो से अस्सी…
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गूंजेगा सुर, नृत्य और भक्ति का संगम — देव दीपावली से पहले काशी महोत्सव
देव दीपावली से पहले काशी के घाटों पर सुर, नृत्य और भक्ति की त्रिवेणी बहने वाली है। 1 से 4 नवंबर तक होने वाला गंगा महोत्सव 2024 इस बार और भी भव्य होगा। राजघाट से लेकर नमो घाट तक गूंजेगी शास्त्रीय, लोक और भक्ति संगीत की स्वर लहरियां — और योगी सरकार इसे सांस्कृतिक तीर्थ बना देने पर तुली है। हंसराज रघुवंशी, मालिनी अवस्थी और गीता चंद्रन का धमाल 4 नवंबर को भक्ति के Rockstar हंसराज रघुवंशी अपने भजनों से घाटों को गंगा जल जितना पवित्र बना देंगे। 3 नवंबर…
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