“सो जा बेटा, कब तक मोबाइल देखेगा?”“बस मम्मी, फ़िल्म का क्लाइमैक्स चल रहा है… नेट स्लो है दिन में!” इस डायलॉग से कोई भी इंडियन मिडिल-क्लास माँ रिलेट कर सकती है। बच्चे रातभर मोबाइल में, और मम्मी मन ही मन उस वाई-फ़ाई राउटर को कोसती हैं जो पूरे मोहल्ले को इंटरनेट दे रहा है — सिवाय अपने ही बच्चे को “नींद”। वाई-फ़ाई: Wireless Fidelity या Wireless Frustration? अब सुनिए एक झटका — वाई-फ़ाई का कोई “पूरा फॉर्म” नहीं है। वाई-फ़ाई एलायंस वालों ने नाम रख दिया, बस क्यूट लगता था…
Read More