दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉ छात्रों के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है — “Attendance कम है? No Problem!”कोर्ट ने साफ कहा कि सिर्फ न्यूनतम उपस्थिति की कमी के आधार पर किसी भी लॉ स्टूडेंट को परीक्षा देने से नहीं रोका जा सकता। यह फैसला उस समय आया जब कोर्ट ने लॉ छात्र सुषांत रोहिल्ला की आत्महत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लिया। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह की सख्त टिप्पणी: जस्टिस प्रतिभा एम सिंह की बेंच ने कहा, “सख्त अटेंडेंस नियम छात्रों में मानसिक तनाव और आत्महत्या जैसी घटनाओं…
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