लालू का नया ठिकाना, नए नियम — बिहार राजनीति में बड़ा संकेत!

बिहार चुनाव के नतीजों के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने quietly एक बड़ा कदम उठा लिया है—उन्होंने अपना पुराना राजनीतिक हलचल से भरा घर छोड़कर एक शांत, सिक्योर और नियमों वाला नया आवास अपना लिया है। कभी जहाँ 24×7 भीड़ लगी रहती थी, वही आज कड़े प्रोटोकॉल और सीमित एंट्री का सिस्टम लागू है। यह बदलाव सिर्फ पता बदलने भर का नहीं है—यह बिहार की राजनीति में एक नए दौर की शुरुआत भी दिखाता है। क्यों हुआ घर बदलने का फैसला? — हेल्थ पहले, राजनीति बाद में सूत्र…

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“SIR फॉर्म जमा हुआ या नहीं? अब मिनटों में घर बैठे करिए चेक!”

बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुआ Special Intensive Revision(SIR) लगातार चर्चा में है। विपक्ष ने इसका विरोध किया, लेकिन इसके बावजूद देश के 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म कलेक्ट कर रहे हैं, पर लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है— “मेरे फॉर्म का क्या हुआ? BLO ने जमा किया या नहीं?”“सारे डॉक्यूमेंट होने के बाद भी नाम नहीं आया तो?” इसी डर को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग ने वोटर्स के लिए एक…

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RJD में महा-संग्राम! हार के बाद तेजस्वी की कोर टीम पर निशाना

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन को जोरदार झटका लगा है।जहां 2015 और 2020 में RJD सबसे बड़ी पार्टी रही थी, वहीं इस बार पार्टी महज़ 25 सीटों पर सिमट गई, और इसी हार ने पार्टी के भीतर महा-संग्राम छेड़ दिया है। ताज़ा समीक्षा बैठकों में हारे हुए उम्मीदवारों ने तेजस्वी यादव की कोर टीम की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। इतना ही नहीं, महागठबंधन के सहयोगी दलों—कांग्रेस, लेफ्ट, VIP, IIP—पर भी उंगली उठाई गई है। ‘सहयोगियों से मिला ही नहीं…

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सत्ता बदली… और बंगला भी! लालू परिवार की टेंशन डबल

बिहार की राजनीति में सत्ता की कुर्सी भले घूम-घूमकर वापस वही चेहरे ले आए, लेकिन इस बार सरकारी बंगले की कुर्सी घूमकर सीधे लालू परिवार से दूर जा रही है। सत्ता परिवर्तन के कुछ ही दिनों में राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव—दोनों को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस मिल गया। गृह से लेकर भवन निर्माण तक—सब बदल गया… बस लालू परिवार की दिक्कतें नहीं बदलीं, उलटा बढ़ गईं। राबड़ी देवी का 10 सर्कुलर रोड वाला “ऐतिहासिक” पता बदला नए नियमों के अनुसार राबड़ी देवी को उनका पुराना सरकारी…

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“कुर्सी बड़ी है या गठबंधन?” बिहार में स्पीकर पद पर ‘सियासी WWE’ शुरू

नीतीश कुमार की नई सरकार ने कैबिनेट की पहली बैठक तो कर ली, पर असली मुकाबला अब शुरू हुआ है—विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर BJP बनाम JDU की तकरार।सीट एक… दावेदार दो… और दिमागों की गर्मी 440 वोल्ट। कुर्सी इतनी खास क्यों? Article 178 की पूरी ताकत! संविधान का आर्टिकल 178 साफ कहता है: विधानसभा का सबसे बड़ा बॉस—स्पीकर सदन चलाना, अनुशासन रखना, सीक्रेट मीटिंग बुलाना विपक्ष को मान्यता देना किसी विधायक को अयोग्य ठहराने की शक्ति (दल-बदल कानून, 1985) अविश्वास/निंदा प्रस्ताव का रास्ता खोलना कौन वोट देगा, किसका वोट वैध—फैसला स्पीकर का यानी एक लाइन…

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Owaisi का ‘Special Offer’—Support मिलेगा, लेकिन शर्तें भी होंगी!

बिहार के अमौर में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जनसभा में ऐसा बयान दिया जिसने सियासी तापमान बढ़ा दिया। उन्होंने साफ कहा—AIMIM नीतीश कुमार की सरकार को सपोर्ट कर सकती है, बस शर्त इतनी है कि सीमांचल को न्याय मिलना चाहिए। सीधे शब्दों में—“Deal तो possible है, बस delivery on time चाहिए।” “हम तैयार हैं… पर Seemanchal पहले” — Owaisi का मैसेज ओवैसी ने घोषणा की कि AIMIM अपने पांचों विधायकों के लिए 6 महीने के भीतर पार्टी ऑफिस खोलेगी, और वे वहां हफ्ते में दो बार पब्लिक से मिलेंगे।…

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गुस्सा! मंत्री बने दीपक प्रकाश, मीडिया से बोले—‘Time waste मत कीजिए

बिहार की राजनीति में रोज कुछ नया होता है, लेकिन इस बार नीतीश कुमार कैबिनेट के नए मंत्री दीपक प्रकाश ने पदभार के पहले ही दिन ऐसा कारनामा कर दिया कि सोशल मीडिया से लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस—हर जगह चर्चा शुरू हो गई। कैबिनेट में एंट्री भी बिना चुनाव लड़े, और पहला बयान भी ऐसा जो मीडिया को सबसे पहले सुनना पड़ा— “अब आप लोग चैंबर से बाहर जाइए, टाइम वेस्ट कर रहे हैं।” लगे हाथों “Strong Minister Vibes” देना भी जरूरी था शायद! कौन हैं दीपक प्रकाश? मंत्री बनने की…

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बिहार में नीतीश की 10वीं इनिंग: NDA की जीत के बाद सबसे बड़ी चुनौतियाँ

NDA की बम्पर जीत और रिकॉर्ड 10वीं बार शपथ… नीतीश कुमार ने साबित कर दिया कि वह बिहार राजनीति के evergreen player हैं। लेकिन अब असली चुनौती सत्ता नहीं— वायदों का पहाड़ है। मतलब— जीत तो ले ली, अब डिलीवरी करनी है! नीतीश कुमार की सबसे बड़ी चुनौती: “वादे vs बिहार का बजट” बिहार का आर्थिक बजट पहले ही पतला है, और वादे… मानो election manifesto नहीं, wish-list थी। एनडीए के वादे जिन पर अब नीतीश की परीक्षा होगी- डेढ़ करोड़ महिलाओं को 10,000 रुपये एक करोड़ से ज़्यादा लोगों को…

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“परिवारवाद पर प्रवचन… और मंत्रिमंडल में रिश्तेदारों की लाइन!”

बिहार की सियासत में चुनाव के बाद भी गर्मी कम नहीं हो रही। एनडीए के 26 विधायकों के मंत्री पद की शपथ लेते ही आरजेडी ने वंशवाद का मुद्दा फिर से उछाल दिया। पार्टी ने X (Twitter) पर पोस्ट कर कहा— “जो लोग महागठबंधन पर वंशवादी राजनीति का आरोप लगाते थे, वही आज वंशवादी राजनीति कर रहे हैं।” साथ में आरजेडी ने मंत्रियों की लिस्ट भी शेअर की और बताया कि कौन किस बड़े नेता का रिश्तेदार है। मतलब—“डाइनस्टी पॉलिटिक्स का चार्ट, सबूतों सहित पेश है।” NDA के मंत्री और उनके…

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जमा खान: बिहार कैबिनेट के इकलौते मुस्लिम मंत्री फिर सुर्खियों में

बिहार की राजनीति हमेशा से दिलचस्प रही है—कभी गठबंधन बदलने से, कभी समीकरण बदलने से, और कभी नेताओं के “अचानक हुए भाग्य उदय” से। इस बार सुर्खियों में हैं जेडीयू कोटे के जमा खान, जो पटना के गांधी मैदान में एक बार फिर मंत्री पद की शपथ लेते नजर आए—और वह भी कैबिनेट के इकलौते मुस्लिम मंत्री के तौर पर। 10% Muslim आबादी वाली सीट से लगातार जीत – जमा खान का ‘अनएक्सपेक्टेड’ एक्स फैक्टर कैमूर जिले की चैनपुर सीट से जमा खान ने दोबारा जीत दर्ज की—और इस बार…

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