कभी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ी उम्मीदों से कहा था — “ऐपल को अमेरिका में iPhone बनाना चाहिए!” लेकिन ऐपल ने क्या किया? भारत को चुना। और न सिर्फ चुना, बल्कि iPhone क्रांति की कमान भी भारत को थमा दी। अब इस व्यापारिक कदम की गूंज सिर्फ सिलिकॉन वैली तक नहीं, व्हाइट हाउस की दीवारों में भी गूंज रही है। डिकपलिंग की दुनिया में व्यापार अब भरोसे से नहीं, बचाव से चलता है भारत: अब बाजार नहीं, मैन्युफैक्चरिंग महारथी फॉक्सकॉन, टाटा और पेगाट्रॉन — ये कोई फिल्मी त्रिमूर्ति नहीं,…
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