सुप्रीम कोर्ट vs हेट स्पीच: सोशल मीडिया पर ‘अभिव्यक्ति’ या ‘अभिशाप’?

जब हर फोन में “न्यायपालिका” खुली हो और हर व्यक्ति “जज साहब” बना बैठा हो, तब असली सुप्रीम कोर्ट को क्यों न बोलना पड़े? सुप्रीम कोर्ट की बेंच – न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस एजी विश्वनाथन – ने सोशल मीडिया पर बढ़ती हेट स्पीच को लेकर गहरी चिंता जताई। कोर्ट का कहना था, “अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर अब कुछ भी कह देने का चलन खतरनाक हो चला है।” रेट्रो रिव्यू: दोस्ती (1964) – जब दोस्ती में रोना गारंटी था सोशल मीडिया: गाली से लाइक तक का सफर! सोशल…

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मंच से धमकी दी थी, अब कोर्ट से सजा मिली – अब्बास का ‘हिसाब’ पूरा

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर अदालत की गूंज सुनाई दी है। मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी — जो कभी मंच से “हिसाब करने” की बात करते थे — अब खुद कोर्ट से जवाबदेह हो गए हैं। 130 क्लिप्स और एक ‘कलंक’: BJP नेता का बेटा बना पोर्न पायलट! एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें आचार संहिता उल्लंघन और हेट स्पीच मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई है।अब सवाल उठ रहा है कि उनकी विधायकी की कुर्सी भी डगमगा सकती है। क्या है पूरा मामला?…

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