भंडारे की बदलती परंपरा: सेवा से पेटपूजा तक, गर्मी में कैसे बचें बीमारियों से?

गर्मी का मौसम और भंडारे का न्यौता – उत्तर भारत में ये दोनों एक-दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। पहले भंडारा मतलब – सेवा, दया, ज़रूरतमंदों की भूख मिटाना। अब भंडारा मतलब – “चलो आज खाना मत बनाओ, मोहल्ले वाले भंडारे में चलो!” 19 मई 2025: इतिहास का वह दिन जब CISF की शेरनी ने एवरेस्ट फतह किया पहले जहां भंडारे की लाइन में गरीब पहले खड़े होते थे, अब वहां AC वाले लोग इंस्टाग्राम की स्टोरी लाइन में सबसे आगे हैं – #BhandaraVibes। जब सेहत देती है चेतावनी: 1.…

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बीड़ी पीने के फायदे? जानिए इस देसी सिगरेट की ‘खतरनाक सच्चाई’

बीड़ी, भारत की वो देसी विरासत है जिसे लोग सिगरेट की घरेलू बहन समझ बैठते हैं। खांसी, दम और कैंसर के साथ गहरा नाता रखने वाली बीड़ी के भी कुछ कथित ‘फायदे’ हैं – सुनिए, पर हँसिए भी! सियासत में PK का मास्टरस्ट्रोक! लक्ज़री वैन वाले नेता बनलें अध्यक्ष बीड़ी पीने के Top 5 ‘फायदे’ (कृपया हँसें, सीरियस न हों) सड़कछाप स्टेटस सिंबलबीड़ी पीते ही आपके भीतर एक अनोखा देसी तेवर जाग उठता है। जैसे ही बीड़ी मुंह में गई, आप समाज में “बब्बर शेर” समझे जाते हैं – भले…

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बहराइच और गोरखपुर चैन से सोए, क्योंकि तिरंगा इस बार इस्लामाबाद में लहराना है!

जब INS विक्रांत से मिग-29 उड़ रहा था और तेजस पाकिस्तान के रडार में तूफान बन चुका था, उसी वक्त बहराइच में हर चायवाले ने चाय पर दो चम्मच शक्कर ज़्यादा डाल दी। वजह? “सेना बॉर्डर पर है, अब नींद भी VIP क्लास की आएगी।” भरोसे की नींद, फुल बॉडी स्ट्रेच के साथ गोरखपुर में लोग इत्मीनान से मोबाइल साइड में रखकर सोए हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है – “अब जो बम गिरेंगे, उनका हिसाब सुबह न्यूज़ में मिल जाएगा।” मिसाइलें और भरोसे का एयर स्ट्राइक बहराइच के रमज़ान भाई…

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