शिव बनाम विष्णु? जानिए क्यों अलग हैं शैव और वैष्णव

हिंदू धर्म अपने भीतर कई उपासना पद्धतियों और दर्शन का समावेश करता है। इसमें प्रमुख रूप से दो परंपराएँ हैं — शैव और वैष्णव। ये दोनों धाराएँ भगवान के विभिन्न रूपों की आराधना करती हैं, लेकिन इनकी मान्यताएँ, प्रतीक और अनुष्ठान में कई दिलचस्प अंतर हैं। ऑपरेशन सिंदूर से यूपी चुनाव तक, क्या कह रहे हैं NCP के धनञ्जय शर्मा? शैव कौन होते हैं? शैव वे अनुयायी होते हैं जो भगवान शिव को सर्वोच्च ईश्वर मानते हैं। शिव को संहारक, तपस्वी, और ध्यान का देवता माना जाता है। प्रमुख लक्षण-…

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तिजोरी में तुलसी की जड़ रखने से मिलते हैं ये अद्भुत फायदे – वास्तु शास्त्र में बताया गया शुभ उपाय

लेखक- पंडित भगत राम सनातन परंपरा में तुलसी का पौधा अत्यंत पूजनीय माना गया है। इसे मां लक्ष्मी का स्वरूप और घर की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक महत्व के अलावा वास्तु शास्त्र में भी तुलसी को विशेष स्थान प्राप्त है। जहां तुलसी होती है, वहां सकारात्मक ऊर्जा और शांति का वास माना जाता है। विटामिन E के मजेदार फायदे – आपकी त्वचा, बाल और स्वास्थ्य के लिए एक सुपरहिरो! तुलसी की जड़ क्यों है विशेष? अधिकतर लोग तुलसी का पौधा आंगन या बालकनी में लगाते हैं, लेकिन…

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12 फरवरी, माघ मास की पूर्णिमा पर होगी महाकुम्भ के कल्पवास की समाप्ति

महाकुम्भ में देश भर से आये 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया है कल्पवास महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ में व्रत, संयम और सतसंग का कल्पवास करने का विशिष्ट विधान है। इस वर्ष महाकुम्भ में 10 लाख से अधिक लोगों ने विधिपूर्वक कल्पवास किया है। पौराणिक मान्यता है कि माघ मास पर्यंत प्रयागराज में संगम तट पर कल्पवास करने से सहत्र वर्षों के तप का फल मिलता है। महाकुम्भ में कल्पवास करना विशेष फलदायी माना जाता है। परंपरा के अनुसार 12 फरवरी, माघ पूर्णिमा के दिन कल्पवास की समाप्ति हो रही…

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महाकुम्भ में मकर संक्रांति पर अखाड़ों ने किया दिव्य-भव्य अमृत स्नान

अखाड़ों के आचार्य, मण्डलेश्वर, महामण्डलेश्वर अपने रथों पर सवार हो कर पहुचें करने अमृत स्नान महाकुम्भनगर। तीर्थराज, प्रयागराज में सनातन आस्था के महापर्व, महाकुम्भ के अवसर पर मंगलवार को मकर संक्रांति का अमृत स्नान संपन्न हुआ।पौराणिक मान्यता के अनुसार महाकुम्भ में मकर संक्रांति के स्नान को अमृत स्नान माना जाता है। आज भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने की तिथि पर परंपरा अनुसार साधु-संन्यासियों के अखाड़ों ने पूरे विधि-विधान से शोभा यात्रा निकालते हुए अमृत स्नान किया। सनातान परंपरा में आस्था रखने वाले श्रद्धालु अखाड़ों के अमृत स्नान…

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