1969 की “आराधना” वो फिल्म है जिसने प्यार, त्याग, साज़िश और “मेरे सपनों की रानी” जैसी चाय की चुस्की वाला रोमांस परोसा। शक्ति सामंत की यह फिल्म बस फिल्म नहीं थी — यह राजेश खन्ना के माथे पर टिका सुपरस्टार का तिलक थी। बिहार बुला रहल बा कि कुर्सी?” तेजस्वी के तंज पर चिराग चुप मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू? इस गाने ने लोगों को इतना दीवाना किया कि कुछ ने रेलवे टिकट सिर्फ इस सीन को रीक्रिएट करने के लिए खरीदा। राजेश खन्ना कार में, शर्मिला टैगोर…
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