रेट्रो रिव्यू फौलाद: दारा सिंह और मुमताज ने 60s के पर्दे पर आग लगा दी

फौलाद की कहानी सीधे-साधे प्रेम से नहीं, बल्कि शाही दरबार की भविष्यवाणी, जातिगत पृष्ठभूमि, और सत्ता की भूख से शुरू होती है। एक महाराजा जब यह सुनता है कि उसकी बेटी किसी “नीच जाति” के युवक से शादी करेगी और उसकी गद्दी खतरे में पड़ जाएगी, तो वह सारे नवजात निम्न जाति के लड़कों को मरवाने का आदेश देता है।“इतिहास गवाह है – जब नेताओं को अपनी कुर्सी डगमगाती दिखे, तो उनका पहला निशाना आम जनता ही होती है – फिर चाहे वो फिल्म हो या संसद।” अमर बना फौलाद…

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