बिहार, जेकरा के बुद्ध-बोधगया से जानल जाला, अब अपराध आ अफसरशाही के नया नाम बन गइल बा। अस्पताल में मर्डर, सड़क पर अपहरण, आ विधानसभा में हो रहल “विकास विकास” के शोर। 2025 के चुनाव में बवाल तय बा। अब देखे के बा कि जनता के वोट दिमाग से आई कि दिल से। शिक्षा के पतंग – केकरा हाथे ऊँच उड़ल? लालू-राबड़ी के जमाना (1990-2005): भैया, ऊ जमाना में स्कूल रहे – मास्टर ना। पढ़ाई रहे – कुर्सी पर नेता। ‘चारवाहा विद्यालय’ के नाम पर स्कूल खोलल गइल, बाकिर रजिस्टर…
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