लखनऊ। पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्कामों के निजीकरण की प्रक्रिया जहां विजली अभियंताओं व कर्मचारियों के भारी विरोध के वीच तेजी से आगे बढ़ रही और प्रदेश के ऊर्जामंत्री निजीकरण पर पूरी तरह अड़े हुए है। वहीं दूसरी ओर निजीकरण का असर अव विजली अभियंताओं पर साफ तौर पर दिखने लगा है। निजीकरण की प्रक्रिया से आहत होकर पिछले दो माह के दौरान 11 विजली वरिष्ठ विजली अभियंताओं ने स्वैच्छिक सेवानिवृति ( वीआरएस) लेकर विभाग से किनारा काट लिया है। वीआरएस लेने वालो में आठ मुख्य अभियंता और तीन अधीक्षण अभियंता…
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