कल लखनऊ में बड़ा मंगल की अंतिम मंगल तिथि थी और पूरे शहर में भक्ति, उल्लास और भंडारों का माहौल था। हर गली, हर चौराहे पर श्रद्धालु पूड़ी, सब्जी, हलवा और पेय बांटते नजर आए। पर इस पूरे आयोजन में एक भंडारा सबसे खास और हटके था—पेड़ों का भंडारा! मुस्लिम देशों की ज़मीन फ़लस्तीन को देने का विश्लेषण जब पेड़ बन गए प्रसाद: भूपेश रॉय की खास पहल भूपेश रॉय ने बड़ा मंगल को खास बनाने के लिए न सिर्फ पेड़ लगाए, बल्कि राह चलते श्रद्धालुओं को वृक्ष वितरण कर…
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युद्ध नहीं, रणनीति से होगा पाकिस्तान का सफाया — भारत की ‘शांति वाली सर्जिकल स्ट्राइक’
“बदला लो!” — यह भावनात्मक उबाल कई बार तात्कालिक सुकून देता है, लेकिन दीर्घकाल में देश को भारी कीमत चुकानी पड़ती है। हर आतंकी घटना के बाद सोशल मीडिया पर उठने वाली युद्ध की मांग भावनाओं का विस्फोट तो हो सकती है, पर नीतिगत दिशा नहीं। आत्मघाती बम पहनकर पाकिस्तान जाने को तैयार कर्नाटक के मंत्री ज़मीर अहमद खान मेरा कहना है कि: “उतावले देशभक्तों को समझना चाहिए रणभूमि विकल्प नहीं है। बदला लेने के लिए केंद्र सरकार आर्थिक मोर्चे पर पीछे पड़ गई — पाकिस्तान के लिए ये सबसे…
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