ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया और कहा कि इससे खाड़ी क्षेत्र में युद्ध की स्थिति बन सकती है। अगर बंद हुआ होर्मुज, तो जेब पर पड़ेगा तगड़ा झटका ट्रंप को नोबल? — ओवैसी का कटाक्ष ओवैसी ने पाकिस्तान द्वारा डोनाल्ड ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश पर सवाल उठाते हुए कहा,“क्या इसी दिन के लिए पाकिस्तान ने ट्रंप…
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मुस्लिम देशों की ज़मीन फ़लस्तीन को देने का विश्लेषण
इसराइल में अमेरिकी राजदूत माइक हकाबी ने हाल ही में एक ऐसा सुझाव दिया, जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। उनका कहना है कि मुस्लिम देशों को अपनी कुछ ज़मीन फ़लस्तीन के लिए दे देनी चाहिए ताकि एक स्वतंत्र फ़लस्तीनी राष्ट्र की स्थापना हो सके। इस सुझाव का जमीनी स्तर पर क्या अर्थ होगा? क्या खाड़ी देश और अन्य मुस्लिम देश इस पर सहमत होंगे? चलिए गहराई से समझते हैं। “मुस्लिम देश दें ज़मीन फ़लस्तीन को” – हकाबी का बम! क्या है माइक हकाबी का सुझाव? माइक हकाबी…
Read Moreइजराइल से क्यों चिढ़ते हैं खाड़ी देश? अमेरिका का लाडला कैसे बना ताकतवर खिलाड़ी!
इजराइल— एक ऐसा देश जो दुनिया के नक्शे पर जितना छोटा है, अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उसका उतना ही बड़ा प्रभाव है। खासकर खाड़ी देशों के लिए, यह नाम न सिर्फ कूटनीतिक तनाव का प्रतीक है, बल्कि एक ऐतिहासिक संघर्ष की निरंतरता भी है। पर सवाल है — खाड़ी देशों को इजराइल से इतनी चिढ़ क्यों है? और अमेरिका इसके साथ क्यों खड़ा रहता है? वॉशिंगटन में दो इसराइली राजनयिकों की हत्या, भारत ने जताया सख़्त विरोध 1. अरब-इजराइल युद्धों की विरासत: शुरुआत कहां से हुई? 1948 में इजराइल की स्थापना…
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