
उत्तर प्रदेश में मानसून भले ही हल्का हो, लेकिन सियासी तूफान पूरे वेग से बह रहा है। भाजपा के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जब सैफ़ई परिवार पर हमला बोलते हुए ट्वीट कर डाला – “गुंडे, माफिया और दंगाई – सभी सैफ़ई परिवार के भाई हैं”, तो राजनीति में बिजली कड़क गई। और जैसे ही ये बयान वायरल हुआ, समाजवादी पार्टी के धुरंधर शिवपाल यादव ने भी तलवार म्यान से बाहर निकाल दी।
Shivpal का जवाब: “बुलडोज़र से कानून नहीं चलता भाई!”
शिवपाल यादव ने मौर्य के बयान पर पलटवार करते हुए कहा – “गुंडे और माफिया हमारे नहीं, बल्कि उन लोगों के हैं जो किसानों पर लाठियां बरसाते हैं, बुलडोज़र से घर तोड़ते हैं और बेरोज़गारी फैलाते हैं।”
सैफ़ई परिवार को लेकर तंज कसने वालों को याद दिलाते हुए उन्होंने कहा, “हमने अस्पताल, स्टेडियम, नौकरियां दीं… और आपने दिया – महंगाई, नफरत और जंगलराज!”
योगी जी भी पीछे नहीं: गुंडा टैक्स का पुराना हिसाब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले दिन ही समाजवादी पार्टी की धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि “गुंडा टैक्स से लेकर व्यापारियों के शोषण तक, सपा के राज में लोकतंत्र सिर्फ दिखावा था।”
संभल, बहराइच और गोरखपुर के उदाहरण देकर उन्होंने सपा की “असलियत” उजागर करने की पूरी कोशिश की।
Akhilesh की बैरिकेड ब्रेक पॉलिटिक्स
दिल्ली में इंडिया ब्लॉक के विरोध मार्च के दौरान अखिलेश यादव पुलिस बैरिकेड फोड़ते हुए आगे बढ़ गए। बोले – “हमें रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया जा रहा है!”
लोकतंत्र की इस रस्साकशी में अब चुनाव आयोग से लेकर विधानसभा तक सब कुछ गर्मा गया है।

सियासत की इस ज़ुबानी जंग में अब जनता को तय करना है कि कौन “जनता का सेवक” है और कौन “सत्ता का मालिक”!
UP विधानसभा का मानसून सत्र तो अब असली ‘तूफ़ान सत्र’ बनता जा रहा है। आगे देखना होगा कि ये बयानबाज़ी वाकई कुछ बदलेगी या फिर ये भी “राजनीति का रोज़ का ड्रामा” निकलेगा।
‘इंडस्ट्रियल कॉकटेल’: पारदर्शिता+सुविधा+ई-नीलामी= 1 ट्रिलियन डॉलर ड्रीम!
