Digital Gold में निवेश करने से पहले सोचिए — Risk ज़्यादा, Regulation 0!

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने निवेशकों को डिजिटल या ई-गोल्ड उत्पादों में निवेश को लेकर सख्त चेतावनी दी है।
सेबी ने साफ़ कहा — “ऐसे इंस्ट्रूमेंट हमारे नियामक ढांचे में नहीं आते, यानी अगर कुछ गड़बड़ हुआ… तो ‘हमारा काम खत्म’!”

SEBI बोला — “ये असली गोल्ड नहीं, बस डिजिटल चमक है”

सेबी के मुताबिक, कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म डिजिटल गोल्ड को “फिज़िकल गोल्ड में निवेश का आसान विकल्प” बताकर प्रमोट कर रहे हैं।
लेकिन असल में, न तो ये सिक्योरिटीज़ हैं, न ही कमोडिटी डेरिवेटिव्स। यानी ये पूरी तरह सेबी के Radar से बाहर हैं।
या यूं कहें — “Gold तो दिखेगा, पर अगर कुछ गड़बड़ हुई, तो पकड़ में नहीं आएगा!”

Digital Gold = High Risk, No Regulation

SEBI ने कहा, “इन डिजिटल गोल्ड स्कीम्स पर हम नज़र नहीं रखते। इसलिए निवेशक ध्यान दें कि ये Products सेबी रेगुलेटेड नहीं हैं।”
मतलब — ये वैसा ही है जैसे बिना लाइफ जैकेट के स्विमिंग पूल में कूद जाना और उम्मीद करना कि “बात बन जाएगी।”

निवेशकों के लिए समझदारी का समय

अगर आप भी “Digital Gold is the new trend” सोचकर पैसा डालने की सोच रहे हैं, तो पहले थोड़ा रिसर्च कर लें। सेबी कह रहा है — “Gold की चमक हमेशा भरोसे की गारंटी नहीं होती।” सीधे शब्दों में — अगर रिटर्न सुनहरा लगता है, तो धोखा भी ग्लिटर में लिपटा हो सकता है!

“Digital Gold में निवेश करने वाला अब Real Experience पा रहा है — Gold गया, Account ठंडा!” अब लगता है SEBI को भी कहना पड़ेगा — “सोना है तो समझदारी से सोना।”

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