
झारखण्ड के तरहसी प्रखंड में सरकार द्वारा चलाई जा रही निशुल्क बीज वितरण योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता का खुलासा हुआ है। योजना के तहत किसानों को मुफ्त बीज देने का प्रावधान था, लेकिन उन्हें बीज के बदले 30 से 60 रुपये तक की अवैध वसूली का सामना करना पड़ा।
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किसानों की शिकायत ने खोली पोल
इस घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब कई किसानों ने सीधे प्रखंड प्रमुख अजय कुमार सिंह को फोन कर अपनी आपबीती सुनाई। किसानों ने बताया कि प्रज्ञा केंद्र उनसे बीज रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसे ले रहे हैं, जबकि योजना पूरी तरह निशुल्क है।
मौके पर पहुंचे प्रखंड प्रमुख, अधिकारियों की लगी क्लास
सूचना मिलते ही प्रखंड प्रमुख किसान भवन पहुंचे और मौके पर मौजूद किसानों से सीधे बातचीत की। उन्होंने बीज वितरण में हो रही गड़बड़ियों पर नाराजगी जताते हुए प्रखंड कृषि पदाधिकारी निलेश रंजन तिवारी और बीटीएम विनय कुमार सिंह को जमकर फटकार लगाई।
प्रखंड प्रमुख ने सख्त लहजे में पूछा, लॉगिन आईडी और पासवर्ड कृषि विभाग के पास हैं, तो प्रज्ञा केंद्र किस अधिकार से रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं?”
अधिकारी बोले: विभाग ने नहीं दी अनुमति
प्रखंड कृषि पदाधिकारी निलेश रंजन तिवारी ने सफाई देते हुए कहा कि विभाग की ओर से किसी भी किसान से शुल्क नहीं लिया जा रहा है। यदि किसी प्रज्ञा केंद्र ने अवैध रूप से पैसे वसूले हैं, तो इसकी गंभीर जांच होगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
“किसानों के अधिकारों से समझौता नहीं होगा”
प्रखंड प्रमुख अजय कुमार सिंह ने स्पष्ट कहा कि, गरीब किसानों के हक़ पर चोट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने आश्वस्त किया कि मामले की गहराई से जांच होगी ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियाँ दोबारा न हों।
यह मामला न केवल एक प्रशासनिक चूक है, बल्कि किसानों के अधिकारों का उल्लंघन भी है। ऐसे मामलों में समुचित जांच और सख्त कार्रवाई ही जनता का भरोसा कायम रख सकती है।