
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के एक बयान ने अब कांग्रेस की नींव हिला दी है। सेना जैसे सम्मानित संस्थान पर टिप्पणी करना जितना आसान लगा, उतना ही कानूनी असर भारी हो गया।
थरूर बोले: ‘मोदी इंडिया के गोल्डन चांस’, कांग्रेस में मची आम्रप्रीति!
पांचवीं बार ग़ायब: कोर्ट बोले – अब तो अति हो गई!
23 जून को लखनऊ की MP-MLA कोर्ट में सुनवाई थी – लेकिन राहुल गांधी नहीं पहुंचे। यह पांचवीं बार था जब वो गायब रहे।
गिरफ्तारी की गूंज: अब वारंट दूर नहीं?
शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव और वकील विवेक तिवारी ने कोर्ट से गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी करने की मांग की है। अगली तारीख — 15 जुलाई को तय करेगा कि क्या राहुल गांधी को कोर्ट में जबरन लाना पड़ेगा।
गली बार कोर्ट बुलावे के साथ FASTag भी भेजेगा — ताकि कोई बहाना न बचे!
15 जुलाई: राहुल की अग्निपरीक्षा या गिरफ्तारी की स्क्रिप्ट?
अगली सुनवाई में कोर्ट तय करेगा कि राहुल गांधी को राहत मिलेगी या राजनीति की सबसे चर्चित गिरफ्तारी होगी। कांग्रेस भी असहज है — लोकसभा में हार के बाद अब ये केस 2025 की राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है।
थरूर मोदी की तारीफ कर गए, राहुल कोर्ट से छुप रहे — कांग्रेस अब “ग्लोबल” नहीं, “घरेलू गृहयुद्ध” की स्टेज पर है।
क्या ‘सेना’ पर बयान अब ‘सेना’ बुलवा देगा?
कांग्रेस का चेहरा राहुल गांधी एक संवेदनशील मुद्दे पर दिए बयान के कारण संकट में हैं। अब देखना यह है कि वह कोर्ट का सामना करेंगे या फिर अगली तारीख पर भी गैरहाजिर रहकर संकट को और बढ़ाएंगे।