
पटना के बापू सभागार में जब राबड़ी देवी मंच पर चढ़लीं, त जनता ताली पीट-पीट के सभागार हिला दिहलस। राबड़ी जी कहलीं,
“ई बेरोज़गारी के समस्या नया ना ह, बाकिर सरकार 20 साल से मूँह में पान दबा के बैठल बा!”
बोललीं कि जब हमनी के सरकार रहे, त कारखाना लागल, सड़क बनल, और गरीबो के थाली में तरकारी चढ़ल। अब का हो रहल बा? सोशल मीडिया पर विज्ञापन, और ज़मीनी स्तर पर गड्ढा!
अखिलेश यादव का लखीमपुर दौरा: तेंदुए के हमले पर पीड़ित से मुलाकात
“काम भईल होत, त आज नीतीश जी कैंडल मार्च ना करतें” – सीधा व्यंग्यवार
राबड़ी देवी त नीतीश कुमार के चाल-ढाल पर भी मजेदार तंज कस दिहलीं —
“काम करे वाला के प्रचार के जरुरत नइखे, बाकिर जब कुछू ना भईल, त अब गांव-गांव घुम के ‘काम के खोज’ में बाड़े!”
राजनीति के मंच पर ई लाइन त मोहर लगा दिहलस कि NDA सरकार अब पोस्टर पर जियादे, ज़मीन पर कम बा।
लालू यादव बनलन फेरु अध्यक्ष – कहले, ‘अब लड़ाई नया पिच पर होई’
जब सबके नजर लालू जी के सेहत पर रहे, त ऊ चुपचाप पार्टी ऑफिस जाके 23 जून के नामांकन भर देहलीं।
और अब पार्टी के 13वीं बेर राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गइलें।
निर्विरोध चुना गइलें – काहे कि दूसरा कोई खड़ा ना भईल, अइसन प्रेम कहाँ मिलेला भैया!
दीप जलाके कार्यकर्ताओं में भरल गया जोश – “अब चुनावी रण में लागी आग”
दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम शुरू भइल, आ मंच पर रहे लालू जी, राबड़ी देवी और पूरा लाल सेना।
संदेश एकदम साफ रहे –
“2025 के विधानसभा चुनाव से पहिले NDA के चैन ना मिली!”
सभागार में कार्यकर्ताओं के जोश ई बतावत रहल कि राजद अब रिटायरमेंट मोड में ना, रिवाइवल मोड में बा।
बेरोजगारी पर सीधा सवाल – “विकास बा कहां, पोस्टर के अलावा?”
राबड़ी देवी सवाल उठवलीं –
“बेरोजगारी हटावे के बात त सबे करेला, बाकिर जवन नया पीढ़ी बा, ऊ त अब विदेश में नौकरी खोजत बा।”
तब इ कहलस कि जवन सरकार मोबाइल देके जश्न मनावे, ऊ कारखाना बंद क के बेरोज़गारी बढ़ावत बा।
“पोस्टर से पेट ना भरल जाला, रोटी के जुगाड़ जरूरी बा”
राबड़ी जी के पूरा भाषण में व्यंग्य, कटाक्ष आ अनुभव के तड़का रहे।
ऊ साफ कह दिहलीं –
“बिहार के जनता सब देख रहल बिया। वोट अब आंख मूंद के ना, काम देख के देई।”
आ आखिरी लाइन में बोललीं –
“काम ना भईल त, पोस्टर पर चाहे सोना छपवावल जाव – जनता अब पूछी, रोटी कहां बा?”
भाजपा को पहली महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकती है: इस बार शक्तिशालिनी!