अखिलेश को बहुत बुरा लगेगा “पूजा पाल का ‘Thank You Yogi Ji’ मोमेंट!”

महेंद्र सिंह
महेंद्र सिंह

उत्तर प्रदेश विधानसभा में चल रही Vision Document 2047 की मैराथन चर्चा में, कल एक ऐसा बयान आया जिसने सियासी गलियारों के कान खड़े कर दिए। समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुले मंच से “दिल से तारीफ” कर दी — और वो भी बिना कोई किंतु-परंतु जोड़े!

“CM Yogi नहीं होते तो मैं आज भी कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रही होती!”

पूजा पाल ने कहा, “जब उम्मीदें खत्म हो चुकी थीं, तब योगी जी ने अतीक अहमद जैसे ‘बाहुबली’ को मिट्टी में मिलाकर न सिर्फ मुझे, बल्कि कई महिलाओं को इंसाफ दिलाया।”

ये लाइन सुनते ही सदन में सन्नाटा और कैमरों में हलचल—दोनों एकसाथ दर्ज हो गए। विपक्षी बेंच पर बैठे कुछ लोग तो नोट्स बनाने लगे कि “इतनी तारीफ तो हमसे हमारी पार्टी भी नहीं करती!”

सब जानते थे किसने मारा, पर कोई कुछ नहीं बोला…

पूजा पाल के बयान ने न सिर्फ अतीक अहमद की अपराधिक छवि को फिर से चर्चा में ला दिया, बल्कि योगी सरकार की Zero Tolerance Policy को एक बार फिर लाइट, कैमरा और एक्शन मोड में डाल दिया। उन्होंने कहा, “सबको पता था मेरे पति के कातिल कौन हैं, पर किसी ने कुछ नहीं किया… CM योगी ने सुना, समझा और फिर एक्शन लिया।

“जो आंखों से नहीं दिखा, CM ने वो भी देख लिया!”

पूजा पाल ने कहा, “मेरे वो आंसू जो समाज ने नजरअंदाज किए, CM ने देख लिए।” अब इस पर राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं — ये तारीफ है या सियासी संन्यास की शुरुआत?

“Vision 2047” के बीच आया ये ‘Emotional Intermission’

जब विधानसभा 24 घंटे की मैराथन चर्चा में व्यस्त है, तो यह भावुक मोड़ एक ब्रेकिंग मोमेंट जैसा लगा। ये बयान Vision 2047 के विजन से थोड़ा हटकर था, मगर सोशल मीडिया पर “Emotional Justice 2024” ट्रेंड करने लगा।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में सतर्कता, सटायर और सराहना – तीनों का संगम कम ही देखने को मिलता है। पूजा पाल का बयान सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए प्रशंसा से ज्यादा एक सामाजिक स्वीकार्यता की मुहर भी है। अब देखना ये है कि क्या ये तारीफ किसी नई सियासी यात्रा का ट्रेलर है, या फिर बस भावनाओं का ओवरटाइम?

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