पटना के पारस अस्पताल में घुसकर कैदी को गोली मारी, ICU बना शूटिंग रेंज

आलोक सिंह
आलोक सिंह

राजधानी पटना के पॉश इलाके राजा बाजार स्थित पारस अस्पताल, जहाँ लोग जीवन की आखिरी उम्मीद लेकर जाते हैं, वहां अब लगता है शूटिंग प्रैक्टिस भी होने लगी है।

क्या हुआ घटनास्थल पर?

मामला गंभीर है – बेऊर जेल में बंद हत्या के आरोपी कैदी चंदन मिश्रा, जो इलाज के लिए ICU में था, को अपराधियों ने अस्पताल के अंदर घुसकर गोलियों से छलनी कर दिया।
पटना पुलिस के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने मौके पर पहुंचकर बताया, “कितनी गोलियां लगी हैं, यह पोस्टमार्टम बताएगा, लेकिन गोली खूब चली है!”

अब जनता पूछ रही है – “भाई, ICU में भी अब बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर जाना पड़ेगा क्या?”

अस्पताल नहीं, ‘एस्केप रूम’ बना दिया गया?

अस्पताल में मौजूद एक चश्मदीद अमित कुमार ने कहा, “हम बाहर खड़े थे, अचानक कुछ लोग भागते हुए घुसे, फिर गोली… फिर अफरातफरी… और फिर न्यूज चैनल।”

तेजस्वी यादव का सरकार पर वार

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने घटना को लेकर एक्स (Twitter) पर जमकर भड़ास निकाली:

“सरकारी अपराधियों ने ICU में घुसकर गोली मारी. क्या बिहार में अब कोई भी सुरक्षित नहीं? 2005 से पहले ऐसे होता था जी?”

तेजस्वी का इशारा नीतीश कुमार के ‘सुशासन बाबू’ अवतार पर तंज था — लेकिन जनता कह रही है, “अब ये ‘सुशासन’ कौन सी मिस्ट्री थ्रिलर है?”

अभी कुछ दिन पहले…

इस गोलीकांड से पहले ही पटना के बड़े व्यवसायी गोपाल खेमका की उनके ही घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी — और अब ये अस्पताल वाली घटना। लगता है अपराधियों ने Google Maps पर “Crime Spots in Patna” सर्च कर रखा है।

कानून व्यवस्था: गिरती रेटिंग, बढ़ता डर

हर नई घटना के बाद वही पुराना सवाल लौट आता है — “क्या बिहार में कानून व्यवस्था वेंटिलेटर पर है?”

पुलिस की जवाबदेही और गश्त पर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं। लेकिन अब अस्पताल तक में अगर अपराधी आराम से घुस जाएं, तो जनता का भरोसा कहाँ जाएगा?

बिहार में ‘लॉ एंड ऑर्डर’ अब म्यूजियम की चीज़ बनती जा रही है — सबने नाम सुना है, किसी ने देखा नहीं। और ICU की हालत देखकर जनता अब कह रही है, “बिहार में बीमार न हों, क्योंकि इलाज के साथ Shoot-Out Free है!”

नीतीश जी के “बिजली बम” से कितना होगा फायदा-सरकार पर कितना बोझ

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