“नीली होर्डिंग और भगवा चर्चा: पूजा पाल का अगला पड़ाव?”

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

राजनीति में कब कौन सा रंग हिट हो जाए, ये तय करना जितना मुश्किल है, उतना ही दिलचस्प भी। अब देखिए न, कौशांबी की चायल विधायक पूजा पाल की कहानी – सपा से निकाले जाने के बाद अब हर खेमे में उनकी एंट्री को लेकर चर्चा गरमा गई है। लेकिन अब एक नीली होर्डिंग ने माहौल में ऐसा “दधिकांदो” मचा दिया है, मानो पॉलिटिकल वेदर रिपोर्टर भी कन्फ्यूज हो जाएं।

पहले क्रॉस वोटिंग, फिर क्रॉस पार्टी लव?

राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर पूजा पाल ने सपा से दूरी बना ही ली थी, लेकिन जब उन्होंने यूपी विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर डाली, तो सपा ने भी कह दिया – “Thank you, next!”

उनका बयान, “मेरे पति के हत्यारों को मिट्टी में मिलाया… योगी सरकार ने इंसाफ दिया”, सुनते ही सपा ने तुरंत नोटिस भेज दिया – और फिर निष्कासन।

सीएम से मीटिंग, डिप्टी सीएम से गपशप, लेकिन अब ये नीला क्या है?

सपा से निकाले जाने के बाद पूजा पाल ने योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य से भी मुलाकात कर ली, तो सबको लगा – “Game Over! अब तो भाजपा जॉइनिंग कंफर्म है!”

लेकिन… धूमनगंज, प्रयागराज में अचानक एक नीली होर्डिंग प्रकट हुई जिसमें बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और पूजा पाल एक साथ फ्रेम में मुस्कुरा रहे हैं। लो जी, अब राजनीति में फिर नया टर्न – लोग कहने लगे, “भाईसाहब, कहीं ये फिर से बसपा की ओर तो नहीं मुड़ गईं?”

नीली होर्डिंग: मेले की मार्केटिंग या मायावती से मेसेजिंग?

हॉर्डिंग में दधिकांदो मेले का जिक्र है, लेकिन फोटो सियासी है। रंग नीला, बाबा साहेब की तस्वीर, और बगल में पूजा पाल – और सोशल मीडिया पर शुरू हो गया मीम वॉर:

“बसपा को वापसी चाहिए और पूजा पाल को पहचान!”
“ये भाजपा में प्रैक्टिकल क्लास से पहले बसपा की थ्योरी रिवीजन तो नहीं?”

अब आगे क्या? बसपा रिटर्न या भगवा जर्नी?

पूजा पाल अभी तक इस मुद्दे पर चुप हैं – न बसपा को हां कहा, न भाजपा को ना। लेकिन सियासी पंडितों का कहना है कि यूपी में दल बदल एक कला है, और पूजा पाल उसमें अब डिप्लोमा ले चुकी हैं।

उनकी पुरानी पृष्ठभूमि भी बसपा से जुड़ी रही है – 2007 और 2012 में वो बसपा की विधायक रही हैं। 2019 में सपा जॉइन किया, अब 2025 में अगला स्टेशन क्या होगा – इस पर सस्पेंस बरकरार है।

जनता पूछ रही है: ये सब हॉर्डिंग है या हेंडलिंग?

राजनीति के खिलाड़ी अब ये देखने में जुटे हैं कि पूजा पाल का अगला ट्वीट, बयान, या पोस्ट कौन सी पार्टी के रंग में रंगा होगा। कहीं ये “नीली हॉर्डिंग” बसपा को वापसी का इशारा है या फिर “भगवा बैकड्रॉप” में भाजपा की म्यूज़िक एंट्री?

जब तक पूजा पाल खुद सामने आकर नहीं कहतीं, “हां, मैं फलाना पार्टी में जा रही हूं”, तब तक जनता देखती रहेगी – “एक और नेताजी सस्पेंस थ्रिलर – अबकी बार किसकी सरकार?”

“पुजारा रिटायर: ‘दीवार’ गिर गई पर लिगेसी अभी भी नॉटआउट है!”

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