‘जेजे’ टिप्पणी पर सियासत: राहुल गांधी ने जयशंकर पर फिर दागे तीन सवाल

हुसैन अफसर
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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एक साक्षात्कार को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए तीन बड़े सवाल खड़े किए हैं।

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इस इंटरव्यू में जयशंकर भारत-पाक संबंधों और संघर्ष की पृष्ठभूमि पर बोलते नजर आते हैं। उसी आधार पर राहुल गांधी ने एक्स पर सवाल पूछा:

  1. “भारत को पाकिस्तान के साथ क्यों जोड़ा गया?”

  2. “पाकिस्तान की आलोचना में एक भी देश ने भारत का साथ क्यों नहीं दिया?”

  3. “डोनाल्ड ट्रंप को भारत-पाक संघर्ष में मध्यस्थता की भूमिका किसने सौंपी?”

ऑपरेशन सिंदूर और संघर्ष विराम

राहुल गांधी के ये सवाल उस संघर्ष से जुड़े हैं, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था। इस हमले में विदेशी पर्यटक मारे गए थे।

इसके जवाब में भारत ने 6 और 7 मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में हवाई हमले किए, जिन्हें “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती इलाकों में गोलाबारी और ड्रोन हमले किए।

संघर्ष विराम में ट्रंप की भूमिका

चार दिनों तक चले इस तनाव के बाद 10 मई को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की घोषणा की। इसी पर राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि ट्रंप को यह भूमिका किसने दी?

राजनीतिक हलकों में हलचल

राहुल गांधी के इन सवालों के बाद राजनीतिक गलियारों में बहस तेज हो गई है। विपक्ष इसे सरकार की राजनयिक विफलता बता रहा है, जबकि सत्तापक्ष का दावा है कि भारत ने सख्त और रणनीतिक जवाब दिया।

डच मीडिया वीडियो का हवाला

राहुल गांधी ने अपने एक्स अकाउंट पर कांग्रेस द्वारा साझा किए गए डच मीडिया इंटरव्यू का एक वीडियो रीपोस्ट किया। इस वीडियो में विदेश मंत्री एस जयशंकर कुछ कूटनीतिक सवालों पर हिचकिचाते नज़र आए, जिसे लेकर राहुल ने तीखे सवाल दागे।

राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में स्पष्ट लिखा,

“भारत की विदेश नीति पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।”

‘जेजे’ शब्द को लेकर विवाद

‘जेजे’ शब्द के इस्तेमाल के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई। कई यूजर्स का मानना है कि यह शब्द ‘जयचंद जयशंकर’ के लिए प्रयोग किया गया है। भारत के ऐतिहासिक संदर्भ में जयचंद का नाम विश्वासघात और गद्दारी के रूप में देखा जाता है, जिसने मुहम्मद गौरी के साथ मिलकर पृथ्वीराज चौहान के खिलाफ षड्यंत्र किया था

राहुल गांधी का हमला केवल शब्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की विदेश नीति और कूटनीतिक रणनीतियों पर एक गहरी चिंता को दर्शाता है। ‘जेजे’ विवाद से सियासी टकराव और गहरा हो गया है, और आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा में बना रह सकता है।

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