डिप्लोमेसी की बिसात! मोदी-ट्रंप की होगी हाई-प्रोफाइल मुलाकात?

अजमल शाह
अजमल शाह

भारत और अमेरिका के बीच चल रही टैरिफ टेंशन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अगले महीने अमेरिका दौरा हो सकता है। इस दौरे का औपचारिक उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) 2025 में भागीदारी बताया जा रहा है, लेकिन असली सियासी चटनी तो शायद मोदी-ट्रंप की संभावित मुलाकात में लगेगी।

पीएम मोदी की संभावित अमेरिका यात्रा: UNGA की आड़ में बड़ी कूटनीति?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 23 से 27 सितंबर 2025 के बीच न्यूयॉर्क में आयोजित होने जा रहे UNGA शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की भागीदारी लगभग तय मानी जा रही है।
इस दौरान उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से भी हो सकती है।

सूत्रों का कहना है कि इस दौरे में “टैरिफ वार” के मसले पर अहम द्विपक्षीय वार्ता संभव है।

भारत-अमेरिका व्यापार युद्ध: 50% टैरिफ से बढ़ा तनाव

अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में खटास आ गई है। विशेषकर रूस से तेल खरीद के मामले ने अमेरिका को और चिढ़ा दिया है। भारत ने इसके जवाब में अमेरिका की कई निर्यात वस्तुओं पर काउंटर टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है।

अब सवाल ये है – क्या कूटनीति इस ट्रेड वॉर की आग पर पानी डाल पाएगी?

ट्रंप से मीटिंग: व्यापार से लेकर भू-राजनीति तक चर्चा संभव

प्रधानमंत्री मोदी की डोनाल्ड ट्रंप से होने वाली संभावित मुलाकात को बहुत अहम माना जा रहा है। यह बैठक सिर्फ टैरिफ और व्यापार तक सीमित नहीं होगी — इसमें यूक्रेन-रूस संघर्ष, तेल नीति, और एशिया में चीन की भूमिका जैसे मुद्दों पर भी चर्चा संभव है।

ट्रंप की इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की खबर भी चर्चा में है।

UNGA में जुटेंगे दुनियाभर के नेता – भारत की भूमिका अहम

UNGA 2025 में इस बार जलवायु परिवर्तन, वैश्विक अर्थव्यवस्था, AI रेगुलेशन और युद्ध टकराव जैसे मुद्दों पर चर्चा होने वाली है।
भारत की ओर से उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी इन मुद्दों पर वैश्विक साउथ की आवाज़ बनकर सामने आएंगे।

क्या कहता है सियासी विश्लेषण?

विशेषज्ञ मानते हैं कि मोदी सरकार इस दौरे के जरिए अमेरिका से रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने की कोशिश करेगी, साथ ही वर्ल्ड स्टेज पर भारत की सॉफ्ट पावर को फिर से चमकाने की दिशा में कदम उठाएगी।

भारत-अमेरिका टैरिफ युद्ध अब सिर्फ इकोनॉमी का मामला नहीं रह गया है — यह डिप्लोमेसी, भू-राजनीति और वैश्विक गठबंधनों की परीक्षा बन चुका है।

अगर पीएम मोदी का यह दौरा होता है, तो यह न सिर्फ भारत की छवि बल्कि दुनिया की आर्थिक दिशा तय करने में निर्णायक साबित हो सकता है।

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