2 लाख करोड़ बनाम ‘कई गुना’ — मोदी का मोतिहारी मंथन!

आलोक सिंह
आलोक सिंह

बिहार के मोतिहारी में पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण कुछ यूं था — “वो देते थे दो लाख करोड़… हम दे रहे हैं कई गुना ज़्यादा!”
अब इसका क्या मतलब निकाले? इसका फैसला जनता और अर्थशास्त्री खुद कर लें।

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यूपीए बनाम एनडीए: पैसे की राजनीति या राजनीति में पैसे?

मोदी ने कहा कि यूपीए सरकार के दस वर्षों में बिहार को सिर्फ 2 लाख करोड़ रुपये मिले, जबकि NDA सरकार ने उससे कई गुना ज़्यादा रकम दी।

अर्थशास्त्रियों के लिए चुनौती: “कई गुना” में कितने जीरो होते हैं?

बिहार को बेड़ियों से निकाला — मोदी की नई राजनीतिक टेगलाइन

प्रधानमंत्री बोले- “आप लोगों ने कांग्रेस और आरजेडी की बेड़ियों से बिहार को आज़ाद किया। अब योजनाएं गरीबों तक पहुंचती हैं।”

मतलब अब न सिर्फ़ वोट पहुंचता है, योजनाएं भी लिफ्ट लेकर गांव-गांव जाती हैं।

विकास का लोकार्पण और विरोधियों का ‘लोकप्रहार’

पीएम मोदी ने मोतिहारी से हज़ारों करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। लेकिन असली “लोकार्पण” तो राजनीतिक कटाक्षों का हुआ।

RJD और कांग्रेस सुन रहे थे — जैसे कोई पुराना रिपोर्ट कार्ड फिर से पढ़ लिया गया हो!

विधानसभा चुनाव नज़दीक — और बयानबाज़ी तेज़!

बिहार में इस साल के आखिर में चुनाव हैं और मोतिहारी में मोदी की स्पीच को देखा जा रहा है चुनावी बिगुल के तौर पर।

जहां एक तरफ लालू यादव “झूठ यात्रा” की बात कर रहे थे,
वहीं मोदी बोले:

“झूठ से बिहार को बाहर निकाला है, अब विकास की बात करिए।”

राजनीति का स्क्रिप्ट रीडिंग शुरू!

चुनाव के पहले नेताओं के भाषण भी ट्रेलर जैसे लगने लगते हैं:

  • एक्शन: फंडिंग की लड़ाई

  • ड्रामा: बेड़ियों की आज़ादी

  • सस्पेंस: “कई गुना” का सही आंकड़ा क्या है?

  • और सटायर? वो तो हमसे मिल ही गया!

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